पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं निगम के कई अधिकारी

जगदीश यादव
कोलकाता। यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) के तीन अधिकारियों को 173 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में यहां गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किये गये अधिकारी बैंक के प्रबंधकीय विभाग से जुड़े हैं। उनके नाम क्रमशाः केदारनाथ प्रुस्ती, माणिक मोहन मिश्र व प्रदीप कुमार गांगोपाध्याय है। इन्हें सीआइडी ने महानगर कि विभिन्न जगहों से गिरफ्तार किया है। नेशनल स्माल कार्पोरेशन सम्बंधित एक धोखाधड़ी के मामले में इनकी सीआइडी को तलाश थी। एक बैंक उपभोक्त के खुलासे के बाद ही उक्त मामला सामने आया था। इन तीनों पर 173.5 करोड़ रुपये के बैंक गारंटी पत्र बनाने का आरोप है।
सीआइडी निगम सूत्रो द्वारा बताया गया है कि वर्ष 2016 के नवम्बर माह में राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम की ओर से विधाननगर उत्तर थाने में धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज करवाया गया था। शिकायत में बताया गया था कि 2012-13 से कई वर्षों तक एक फर्जी संस्था को कर्ज दिये जाने के कारण निगम को 173 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। ऐसे में जांच कर रही सीआइडी ने उक्त दौरान ही फर्जी संस्था के एक अधिकारी देवब्रत हलदर को गरीया से गिरफ्तार किया था। मिली जानकारी में बताया गया है कि मामले में उक्त दौरान निगम के पूर्वाचंल के मैनेजर मानिकलाल दास, एकाउटेंट प्रदीप कर्मकार, ओडिशा जोन के मैनेजर गोपीनाथ भट्टाचार्य व कार्यकारी मैनेजर जयंत दास को गिरफ्तार किया गया था। जयंत पहले कोलकाता कार्यलय में रह चुका था। राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम विशेष रूप से बनाई गई योजनाओं के सेट के साथ लघु उद्यमों को सहायता देने के अपने मिशन को आगे बढाता है, जिससे ये लघु उद्योग एक प्रतिस्पर्धी बन सकें तथा लाभप्रद स्थिति में पहुंच सकें। इन योजनाओं में विपणन सहायता, ऋण सहायता, प्रौद्योगिकी सहायता तथा अन्य सहायता सेवाएं शामिल हैं।

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