बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इन्हें किया दिल्ली तलब

गोरखालैंड पर गैर जरूरी बयान का मामला

कोलकाता। गोरखालैंड की आग में पहाड़ जल रहा है और यह मुद्दा बेहद नाजूक हो चला है। ऐसे में भाजपा नेताओं के गोरखालैंड से जुड़े बयानों से अमित शाह नाराज हैं। खबरों की माने तो बंगाल से जुड़े भाजपा नेता लगातार कह रहे थे कि गोरखालैंड को अलग राज्य बनाने का वह नहीं करते समर्थन।  अमित शाह ने इन बयानों से परहेज के लिए कहा। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने तीन शीर्ष भाजपा नेताओं को गोरखालैंड पर गैर जरूरी बयान देने के लिए फटकारा ।amit-shah6वहीं आइंदा ऐसे बयानों से परहेज के लिए भी कहा है। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष समेत तीन शीर्ष नेताओं ने गोरखालैंड को अलग राज्य बनाने का विरोध किया है। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा और महासचिव सुब्रत चटर्जी भी शामिल हैं। अमित शाह ने इन नेताओं से दिल्ली में उनसे मुलाकात करने के लिए तलब किया। नई दिल्ली व बंगाल में पार्टी के सूत्रों का दावा है कि उक्त पार्टी नेताओं के गोरखालैंड को अलग राज्य बनाने का विरोध का बयान लगातार मीडिया में आ रहे थे और शाह इसे लेकर बेहद नाराज हैं। शाह का मानना है कि जब दार्जिलिंग में स्थिति विस्फोटक है तो नेताओं को ऐसे बयानों से बचना चाहिए। ऐसे में  उन्होंने इस मामले में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं कैलाश विजयवर्गीय और राम लाल (भाजपा के महासचिव-संगठन) से भी बात की।

इधर सियासी हलकों में माना जा रहा है कि दिल्ली के पार्टी नेताओं ने भाजपा नेताओं से ऐसे बयानों से बाज आने को कहा है जिससे ममता बनर्जी को दार्जिलिंग मामले में सियासी लाभ हो सकता है, जिसे वह सियासी तौर पर अपने सियासी फायदे के लिए इस्तेमाल करते हुए कह सकती हैं कि दार्जिलिंग को लेकर भाजपा में शीर्ष और प्रदेश स्तर पर मतभेद है। बहराल देखना है कि मामले पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह उक्त तीन शीर्ष भाजपा नेताओं को किस स्तर पर मापते हैं।

 

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