…तौबा गुस्सा गजराज का

     एक युवक भी घायल

जगदीश यादव
कोलकाता/कूचबिहार ।elephant demo  आखिर गजराज को गुस्सा क्यों आता है। हाथी रिहायसी इलाकों में घुस कर आम लोगों को अपना शिकार बना रहें हैं। इस बात के सवाल के जवाब से पहले बता दें कि एक बार फिर गुस्से में मस्त गजराज ने सोमवार दो लोगों उपेन वर्मन (66) व महेन्द्र राय (76) की जान ले ली ।
पुलिस, वन विभाग व स्थानीय लोगों से मिली जानकारी में बताया गया है कि घटना राज्य के कूचबिहार स्थित 2 न. ब्लाक के टेंटीगुड़ी स्थित कोनामाली की है। हाथी के हमले में एक युवक संजय राय बूरी तरह से घायल हुआ है और उसके इलाज अस्पताल में चल रहा है। स्थानीय लोगों ने फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि उपेन वर्मन अपने खेत में गये और देखा कि एक हाथी खड़ा है। डर के कारण उनकी चिंख निकल गई तो हाथी उन्हें अपनी सूंड़ से उठा लिया और पटक- पटक कर उनकी जान ले ली । इसी तरह से हाथी के हमले में जहां महेन्द्र राय की मौत हो गई वहीं संजय राय घायल हो गया। गजराज ने यहां के कई घरों व दुकानों को  अपना निशाना बनाया है।उक्त मामले पर स्थानीय लोगों व पशु प्रेमियों का मानना है कि जंगलों में पसंद के भोजन जैसे बड़, पीपल और बांस कम पड़ने की वजह से हाथी अब दूसरी फसलों को भोजन बनाने लगे हैं।ऐसे में उन्हें ग्रामीण अंचलों का रुख करना पड़ रहा है। इसके अलावा उन्हें मकई, धान और चावल खाने की आदत लगती जा रही है। जिसके कारण हाथी रिहाइशी इलाकों में खिचे आ रहें हैं। पशु प्रमियों का मानना है कि हाथियों के बदलते इलाक़े पर गंभीरता से काम नहीं हुआ है। जंगल भी लगातार उजड़ रहे हैं, जिससे हाथी गांवों की ओर रुख कर रहे हैं। इनके अलावा अपने इलाक़े से हाथी भगाकर अधिकारी निश्चिंत हो जाते हैं।
बता दें कि जलदापाड़ा नैशनल फॉरेस्ट के एक हाथी को मौत की सजा दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। पश्चिम बंगाल वन विभाग वन्य गणेश नाम के एक हाथी को सजा-ए-मौत देने की योजना बना रहा है। विभाग का कहना है कि वह हाथी ‘बैड बॉय’ है। गणेश इस जंगल का कुख्यात अपराधी है। हथिनियां इस हाथी से बहुत डरती हैं। विभाग के मुताबिक वन्य गणेश एक सीरियल किलर है। गणेश की आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए विभाग ऊर्वशी नाम की एक हथिनी का इस्तेमाल कर रहा है। इसके बावजूद वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। गणेश अब तक मदारीहट के 8 लोगों को जान से मार चुका है।

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