खुशी की ईद पर सीएम ममता ने दी शुभकानाएं
रेड रोड में ईद के मुख्य कार्यक्रम में लिया हिस्सा

 

Photo- Jakir Ali

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जाकीर अली
कोलकाता।राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज ईद के एक कार्यक्रम में शामिल हुई व इस अवसर पर पर्व की बधाई भी दी। उन्होंने महानगर के रेड रोड में आयोजित ईद के मुख्य कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम के जरिए मुख्यमंत्री ने अवाम को एकता और भाईचारे का संदेश दिया। उन्होंने लोगों को ईद की शुभकामनाएं दी। आज राज्यभर में खुशियों का पर्व ईद धूम-धाम से मनाया गया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ईद-उल-फितर पर राज्य के लोगों को शुभकामनाएं दी है। सुश्री बनर्जी ने सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक और ट्वीटर पर ग्रीटिंग्स पोस्ट कर लोगों को शुभकामनाएं दी।
ईद के मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भेद-विभेद से देश को दुख के अलावा कुछ नहीं मिलेगा। ऐसे में साम्प्रदायिक सद्भावना को बरकरार रखें। भेद-विभेद को हम नहीं मानते हैं और औरों के हित के लिये नहीं मानेगें। जहां तक हिंसा की बात है तो यह किसी को भी अच्छा नहीं लगता है। हम सभी एक साथ हैं और रहेंगें। कोई भी हमे एक दुसरे से अलग नहीं कर सकता है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सभी धर्मों के लोग एक साथ रहेंगें। कारण दुनिया किसी की जमीदारी नहीं है।
इधर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने ईद-उल-फितर की पूर्व संध्या पर राज्य के लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दी है। राजभवन की ओर से जारी शुभकामना संदेश में राज्यपाल ने कहा है यह आनंदमय त्यौहार देश में भाईचारा और सर्वधर्म संभाव की सांस्कृतिक विरासत में हमारे विश्वास की पुष्टि करने का अवसर प्रदान करता है। हमारे देश के धर्मनिरपेक्षता को मजबूत करता है और समाज के सभी वर्गों में मजबूत संबंध की भावना को जागृत करता है। त्रिपाठी ने इस अवसर पर राज्य के लोगों की भलाई के लिए अपनी शुभकामनाएं भी व्यक्त की है।
रविवार को ईद का चांद दिखा और उलेमाओं ने सोमवार को पूरे देश में ईद मनाने का एलान कर दिया। कोलकाता के मशहूर नाखोदा मस्जिद के इमाम मौलाना मोहम्मद शफीक कासमी ने कहा कि कोलकाता समेत कल पूरे देश में ईद मनाई जाएगी। आवाम से आपसी भाईचारा के साथ ईद की खुशी मनाने और मुल्क में अमन चैन के लिए दुआ करने की अपील की गई है।
उल्लेखनीय है कि मुसलमानों का सबसे बड़ा यह पर्व शांति, दया, भाईचारे और सभी धर्म के माननेवालों के बीच समानता का संदेश देता है। यह गरीबों को सदका और दान देने के त्यौहार के रूप में भी मनाया जाता है। तीस रोजे की समाप्ति की खुशी में रोजेदारों द्वारा अल्लाह की शुक्रिया अदा करने के लिए भी ईंद मनाई जाती है।

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