योग का कोई धर्म नहीं, यह सभी के लाभ के लिए विज्ञान है-  एम. वेंकैया नायडू

नई दिल्ली। तीसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज हजारों लोगों ने योग आसन किया। कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क और आस-पास की सड़कों पर दस हजार से अधिक लोग एकत्रित हुए। यह शहर का सबसे बड़ा योग कार्यक्रम रहा। इसमें स्कूली विद्यार्थी, शिक्षक, सरकारी कर्मचारी, राजनीतिक नेता, पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों के अधिकारी और स्वयंसेवी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने योग मुद्रा का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि शहरी विकास मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू ने योग को अंतर्राष्ट्रीय कला बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में की गई पहल के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि हमारी प्राचीन परंपरा को अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति मिली। योग न तो राजनीतिक है और न ही धार्मिक, बल्कि सदियों से व्यवहार में लाए जाने वाला पारंपरिक भारतीय कला अभ्यास है। इससे शांति मिलती है, स्वास्थ्य अच्छा रहता है और एकात्मकता आती है। योग एक विज्ञान है इसका उद्देश्य शरीर, मन और आत्मा का सामांजस्य पूर्ण विकास है।

श्री नायडू ने निर्माण भवन में योग कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए इस अभियान में सभी से शामिल होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि योग समाज के लिए महत्वपूर्ण है। पूरी दुनिया में योग दिवस मनाने और योग आसन करने से लोगों को योग के लाभ के बारे में जानकारी मिल रही है। उन्होंने कहा कि योग सार्वभौमिक परंपरागत अभ्यास है जिसे हमारे पूर्वजों ने अपनाया। यह लोगों में एकता लाता है।

कनॉट प्लेस में समारोह का आयोजन आयुष मंत्रालय तथा नई दिल्ली पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने किया। विद्यार्थियों के प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम सवेरे 6:15 बजे शुरू हुआ। 45 मिनट तक यानी 7:45 बजे पर विभिन्न योग आसन किए गए। हजारों लोगों के साथ श्री एम. वेंकैया नायडू, दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल गोवा की राज्यपाल श्री मृदुला सिन्हा, दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल, बिहार के भूतपूर्व राज्यपाल श्री रामनाथ कोविंद तथा युवा मामले व खेल राज्य मंत्री श्री विजय गोयल तथा संसद सदस्य श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने योग आसन किए।

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