अलीपुरद्वार। टोटो जनजाति के लिए सरकार ने फूल और पुआल की मदद से बनी बांस की एक ऊंची झोपड़ी को ‘मॉडल हॉउस’ चुना है। यह झोपड़ी अलीपुरद्वार जिले के टोटोपाड़ा गांव में है। असल में सरकार टूरिस्ट्स को रिझाने के मकसद से टोटो झोपड़ी का इस्तेमाल करना चाहती है। लेकिन टोटोपाड़ा में फिलहाल यह झोपड़ियां उपलब्ध नहीं हैं। अलीपुरद्वार के जिला पिछड़ी जाति विकास ऑफिसर अविरूप बसु ने कहा, ‘टूरिस्टस्ट टोटो हट्स देखना चाहते हैं लेकिन अब टोटो जनजाति के लोग सरकारी स्कीम्स के तहत दिए गए घरों में रहते हैं।’ इसलिए पारंपरिक टोटो झोपड़ियां दिखनी लगभग बंद हो रही हैं। इसको सुरक्षित रखने के लिए ही सरकार ने मॉडल हाउस प्रॉजेक्ट चुना है। टोटो जनजाति के लोग मौजूदा समय में अलीपुरद्वार के टोटोपाड़ा में ही बचे हैं। फिलहाल, इस जनजाति की कुल जनसंख्या 1 हजार 582 है। इनमें से 822 पुरुष हैं और 763 महिलाएं हैं। लेकिन अब यह जनजाति विलुप्ति की कगार पर है। पारंपरिक टोटो झोपड़ियों को ‘नकोशा’ कहा जाता है। लेकिन अब यह नकोशा टोटोपाड़ा में बहुत कम ही देखने को मिलते हैं।
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