दार्जिलिंग। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में पुलिस गोलीबारी में तीन कार्यकर्ताओं की मौत के विरोध में रविवार को गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ‘काला दिवस’ मना रहा है। सुरक्षाबलों और आंदोलनकारियों के बीच शनिवार को हुई हिंसक झड़प में जीजेएम प्रमुख बिमल गुरुं ग ने एक वीडियो संदेश में पार्टी के तीनों कार्यकर्ताओं की मौत को गोरखालैंड आंदोलन के शहीद करार दिया। इस संदेश में गोरखाओं से मुंहतोड़ जवाब देने को कहा गया है।
जीजेएम सूत्रों के मुताबिक, दार्जिलिंग में एक बार फिर गुस्सा है। हजारों की संख्या में गोरखा मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता तीनों शवों के साथ मार्च कर रहे हैं। हालांकि, पुलिस ने पहाड़ी क्षेत्रों में इस तरह की रैलियों को मंजूरी नहीं दी है।
दार्जिलिंग में रविवार सुबह लोगों ने शांति बहाली के लिए मौच मार्च निकाला। इस रैली में शामिल लोगों ने काले रंग के बैज लगा रखे थे। ये लोग ‘हमें शांति चाहिए’ और ‘अब और शव नहीं’ जैसे संदेश लिखे पोस्टर और तख्तियां लिए हुए थे।गोरखा कार्यकर्ताओं ने रविवार को सड़क मार्ग अवरुद्ध किया और क्षेत्र में जीजेएम के 12 घंटे के बंद के समर्थन में कई स्थानों पर प्रदर्शन किए। जीजेएम समर्थकों ने जयगांव में दलसिंगपारा टी एस्टेट के पास सड़क को बाधित किया।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पुलिस के दावों का समर्थन किया और जीजेएम पर आतंकवादियों एवं विद्रोही समूहों से जुड़े होने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि गोरखालैंड आंदोलन को दोबारा पुनर्जीवित करने के पीछे गहरी साजिश है।

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