पहाड़ में हालात अब भी तनावपूर्ण

कोलकाता। दार्जिलिंग मामले पर कोलकाता हाई कोर्ट ने अपने निर्णय को सुरक्षित रखते हुए पहाड़ी इलाकों में किए जा रहे बंद को असंवैधानिक बताया है। इस मामले पर कोर्ट ने राज्य सरकार से एक अंतरिम रिपोर्ट भी मांगी है कि पिछले कुछ दिनों के तनावपूर्ण हालात और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के आंदोलन के दौरान कितनी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान हुआ है। इस बीच सुखिया पोखरी में हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के समर्थक अलग-अलग जगहों और रास्तों से पाटलेबास की तरफ मार्च कर रहे थे। पुलिस ने रैली को कुर्सियोंग टूरिस्ट लॉज पर रोक लिया। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के लोग पैदल ही दार्जिलिंग जाने का प्रयास कर रहे थे जब पुलिस ने रोक लिया। गुरुवार शाम को भी कुर्सियोंग सब डिविजन के गयाबारी रेलवे स्टेशन   प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी। इस स्टेशन को पिछले काफी समय से बंद कर रखा था और कुछ हफ्ते ही पहले दोबारा खोला गया था।
इससे पहले, दार्जिलिंग में अलग गोरखालैंड राज्य को लेकर आंदोलन कर रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेताओं पर गुरुवार को पुलिस के छापों के बाद हिंसक प्रदर्शन और तेज हो गया है। मोर्चा समर्थकों ने इसके विरोध में जहां एक पुलिस थाने को आग लगा दी, वहीं निजी वाहन को भी फूंक दिया गया। पुलिस ने गुरुवार सुबह मोर्चा चीफ बिमल गुरुंग के ऑफिस पर छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान पुलिस ने कई हथियार और विस्फोटक भी बरामद किए। गुरुंग के दफ्तर के बाहर छापेमारी के दौरान भारी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया था।
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेता करुण गुरुंग को कुर्सियांग से गिरफ्तार किया। पुलिस ने दार्जिलिंग के कंचनजंगा स्कूल को बंद कर दिया है। बुधवार को युवा मोर्चा ने इसी स्कूल में मीटिंग बुलाई थी। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा सेंट्रल कमिटी ने गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। यह कार्रवाई तब हुई है जबकि गुरुंग ने अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी रखने की बात कही थी। मीडिया को बुधवार को दिए गए बयान में उन्होंने
गुरुवार को इस क्षेत्र में हिंसा भी भड़कने की आशंका थी क्योंकि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के युवा संगठन ने पुलिस के लाठीचार्ज किए जाने और अपने साथियों की गिरफ्तारी के विरोध में शहर में रैली निकालने की घोषणा की है। इस रैली से पहले ही बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मोर्चा के नेता बिनय तमांग ने कहा, ‘हम आदिवासी हैं, पारंपरिक तीरंदाजी प्रतियोगिता करने जा रहे हैं। उन्होंने हमारे पारंपरिक उपकरणों को हथियारों की तरह पेश किया है। इसी वजह से हमें अलग गोरखालैंड चाहिए। हमारे अधिकार, संस्कृति, धरोहर, परंपराएं किसी का भी सम्मान नहीं किया जाता।’
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