मीडिया वाहन व थाने में की आगजनी व पथराव

भारी मात्रा में हथियार और नकदी बरामद

दार्जिलिंग। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) के अध्यक्ष बिमल गुरुंग के घर और दफ्तर पर गुरुवार को छापा मारा गया जहां से भारी मात्रा में हथियार और नकदी बरामद हुए हैं। हथियारों में धनुष और तीर, बेसबॉल स्टिक, तेज धारदार हथियार, चाकू और पटाखे बरामद हुए हैं। साथ ही लाखों रुपये नकदी भी मिले हैं। पुलिस ने आज सुबह ही उनके घर के मुख्य द्वार को तोड़ दिया और इन चीजों को वहां से अपने कब्जे में लिया। छापे के वक्त गुरुंग अपने घर में नहीं थे। बिमल गुरुंग के घर पुलिस छापे के बाद उनके समर्थक भड़क गए हैं, कई समर्थकों ने कलिमपोंग जिले के पेडोंग थाने में आग लगा दी है। इसके साथ ही गोजमुमो कार्यकर्ताअों ने एक मीडिया वाहन में भी अाग लगा दी। इतना ही नहीं गुस्साए लोगों ने सुरक्षा बलों पर जमकर पत्थर भी फेंके। वहीं पटलाभास में जीजेएम का ऑफिस पुलिस ने सील कर दिया।

गोजमुमो की युवा शाखा की गुरुवार को बुलाई गई अपनी सार्वजनिक रैली को पुलिस और प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। उसके बाद वहां पहाड़ियों में पूरी तरह से बंद रखा गया है। जीजेएम के अध्यक्ष बिमल गुरुंग ने पर्यटकों से पहाड़ को छोड़ने के लिए कहा है। बिमल ने कहा जब तक स्थिति पूरी तरह से सही नहीं हो जाती, हम चाहते है कि यहां कोई भी पर्यटक न आये।

उधर इस छापेमारी के विरोध में गोजमुमो की केंद्रीय कमेटी ने सरकारी दफ्तरों में आहूत बेमियादी बंद का दायरा बढ़ाते हुए पूरे पहाड़ी क्षेत्र में बंद आहूत कर दिया है। वहीं पुलिस ने मोर्चा की महिला शाखा की नेता को भी गिरफ्तार किया है।दार्जिलिंग के एसपी अखिलेश चतुर्वेदी ने बताया, ‘हमको सूत्रों से यह जानकारी मिली थी कि वे (गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता) पुलिस पर बड़ा हमला करने के लिए हथियार इकट्ठा कर रहे हैं। इसलिए हमने जीजेएम के कई ठिकानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान हमें काफी मात्रा में तीर, मैकेनाइज्ड धनुष, निषिद्ध हथियार, विस्फोटक व अन्य सामग्री के साथ भारी मात्रा नकदी की बरामद हुई है। छापेमारी के दौरान 2 लोगों को हिरासत में भी लिया गया है।’

जीजेएम के नेता बिमल गुरुंग ने इस छापेमारी को लेकर अभी तक कोई बयान नहीं दिया है। लेकिन जब पुलिस अधिकारी जीजेएम के ऑफिस से हथियार लेकर निकले तो वहां मौजूद लोग दंग रह गए। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने अपने कार्यालय में पुलिस छापे के विरोध में अनिश्चितकालीन बंद का अह्वान किया है।बता दें कि जीजेएम ने दार्जिलिंग में बेमियादी बंद बुलाया है। जीजेएम अलग गोरखालैंड की मांग कर रहे हैं। वैसे दार्जिलिंग हिल्स एरिया में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विरोध की शुरुआत यहां के स्कूलों में बांग्ला भाषा अनिवार्य किए जाने से हुई थी। लेकिन इसके साथ ही अब अलग गोरखा राज्य की मांग ने फिर जोर पकड़ लिया है।दार्जिलिंग में बंद के दौरान काफी पर्यटक भी फंसे हुए हैं। वे जल्‍द से जल्‍द इस जगह को छोड़ना चाहते हैं, लेकिन उन्‍हें कोई विकल्‍प नजर नहीं आ रहा है। प्रदर्शनकारियों ने सभी बाजार और स्‍कूल बंद करा दिए हैं। सड़कों पर पुलिस के अलावा कोई नजर नहीं आ रहा है। इधर दार्जिलिंग में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा का बंद बुधवार को तीसरे दिन भी जारी है। इस दौरान सैलानियों की कारों को निशाना बनाने और उनसे बदसलूकी की खबरें आईं।  स्कूल भी बंद हो रहे हैं, जिससे वहां पढ़ने वाले बाहरी बच्चों ने अपने अभिभावकों के साथ लौटना शुरू कर दिया है।पर्यटकों को दार्जिलिंग से बाहर निकालने के लिए राज्य परिवहन विभाग ने 12 और बसों को चलाने की व्यवस्था की है। पुलिस दार्जिलिंग, कलिम्पोंग से टूरिस्टों को लेकर वापस लौट रही बसों की सुरक्षा कर रही है। शिकायतें मिल रही हैं कि मोर्चा समर्थक सैलानियों से बदसलूकी कर रहे हैं। उनसे जबरदस्ती वापस लौटने को कह रहे हैं।

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