मालिक सहित दो सहयोगियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज 

कोलकाता। राज्य में चिटफंड घोटला थम नहीं रहा है। सारधा व रोजवैली जैसी चिटफंड कंपनियों की तर्ज पर नदिया जिले के गांग्नापुर में एक और चिटफंड कंपनी द्वारा निवेशकों के 150 करोड़ रुपये लेकर गायब होने की घटना प्रकाश में आई है। कंपनी के एजेंटों और निवेशकों की ओर से चिटफंड कंपनी के मालिक विकास विश्वास व उसके दो सहयोगियों रेबा विश्वास और देवयानी घोष के खिलाफ गांग्नापुर और नैहट्टी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
विकास पर ‘मंजुलिका ग्रुप ऑफ कंपनीज’ नामक फर्जी कंपनी खोलकर नदिया जिले के शांतिपुर, रायनगर, बादकुला, गांग्नापुर और कल्याणी, उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव व अशोकनगर और हावड़ा के विभिन्न इलाकों के निवेशकों से ठगी करने का आरोप है। गांग्नापुर के रहने वाले विकास ने गांग्नापुर में सबसे पहले ‘पुरुषोत्तम’ नामक चिटफंड कंपनी खोली थी। कंपनी के अन्य पार्टनरों से विवाद के चलते विकास ने उक्त कंपनी को छोड़कर मंजुलिका नामक कंपनी खोली। इसमें कल्याणी की रहने वाली देवयानी और रेबा विश्वास उसकी पार्टनर बनी।
वे लोग फूड शॉप, बीएड कॉलेज, मीडिया हाउस, टीवी चैनल और इको पार्क जैसी परियोजनाओं में निवेश के नाम पर निवेशकों को कम समय में अधिक मुनाफा देने का प्रलोभन देकर रेकरिंग, मासिक और फिक्स्ड डिपॉजिट खुलवाकर रुपये वसूलते थे। सारधा व रोजवैली जैसी चिटफंड कंपनियों का पर्दाफाश होने और सीबीआइ तथा ईडी की कार्रवाई के बाद कारोबार ठप पड़ने लगा, लेकिन विकास ने वसूली बंद नहीं की और रुपये वापस करने का भी वादा करता रहा। जब निवेशकों द्वारा जमा पैसे की मियाद पूरी होने लगी और रुपये लौटाने का दबाव बनने लगा तो विकास ने अचानक से कंपनी की सारी शाखाएं बंद कर दीं और सहयोगियों के साथ फरार हो गया।बहरहाल मामले की जांच की जा रही है। मामले पर खुल कर बोलने से पुलिस के अधिकारी कतरा रहें हैं।
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