करीब 2000 रेलवे कर्मचारियों की रोजी पर पड़ेगा असर

हावड़ा । जल्दी ही कोलकाता का प्रतिष्ठित लैंडमार्क और भारत का सबसे बड़े रेलवे कॉम्प्लेक्स हावड़ा स्टेशन में कुछ नए फीचर जुड़ने वाले हैं। स्टेशन सर्विस का जल्दी ही निजीकरण किया जाएगा और सर्विस संबंधी सारी दिक्कतें प्राइवेट कंपनियां हैंडल करेंगी।
अभी के इंफ्रास्ट्रक्टर के अनुसार स्टेशन की जिम्मेदारी स्टेशन मैनेजर के पास है। वह मैनेजर लेवल का कर्मी होता है लेकिन जल्दी ही स्टेशन की सुविधाओं का ध्यान रखने के लिए एक अलग कर्मचारी को रखा जाएगा। यह स्टेशन फ़सिलटी मैनेजर भारतीय रेलवे का एंप्लॉयी होगा। वह प्राइवेट कंपनी का एंप्लॉयी होगा जिसे यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।  इस निजीकरण से करीब 2000 रेलवे कर्मचारियों की जॉब चली जाएगी जो अभी स्टेशन कमर्शल डिपार्टमेंट में काम करते हैं। केवल इतना ही नहीं, उन्हें दूसरी लोकेशन्स पर भी भेजा जा सकता है। रेलवे ने निजीकरण की यह प्रक्रिया शरू कर दी है लेकिन संस्थान का एक हिस्सा इस आंदोलन को सपॉर्ट नहीं करता।यह सिर्फ शुरुआत है। रेलवे देश के करीब 23 और रेलवे स्टेशनों का निजीकरण करने वाला है। जो भी प्राइवेट कंपनिया हावड़ा रेलवे स्टेशन के इस प्रॉजेक्ट में रुचि दिखाएंगी उन्हें रेलवे प्रशासन को टेंडर सब्मिट करना होगा। सिलेक्ट किए जाने के बाद उन्हें रेलवे को हर साल 400 करोड़ की राशि देनी होगी।
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