केंद्रीय मंत्री ने किया लगाये आरोपों को खारिज

कोलकाता | इस राज्य की सीएम ममता बनर्जी आरोप लगाती हैं कि गंगा नदी के मिट्टी के कटाव को रोकने के लिये केन्द्र सरकार द्वारा पैसे नहीं दिया जा रहा है। लेकिन सच तो यह है कि राज्य सरकार द्वारा इस मामले पर सम्पूर्र्ण दस्तावेजों की केन्द्र सरकार ने मांग की थी जिसे उपलब्ध ही नहीं कराया गया है। उक्त बात केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने कही।उन्होंने कहा कि, हम लोग पैसे देने के लिये तैयार हैं लेकिन योजनाोओं के लिये सरकार पहले दस्तावेज तो भेजे। उमा भारती ने कहा कि मोदी सरकार किसी भी योजना के लिये रुपये रोकना नहीं चाहती है।

केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने नमामि गंगे परियोजनाओं का निरीक्षण करने के लिए गंगा निरीक्षण अभियान के पहले चरण में  कोलकाता के निकट उत्तर चौबीस परगना के  बैरकपुर स्थित केंद्रीय अंतरदेशीय मत्स्य पालन अनुसंधान संस्थान का दौरा कर उक्त बाते कहीं।

बताया गया है कि इस संस्थान में गंगा में मत्स्य पालन को लेकर विशेष अनुसंधान होता है। केंद्रीय मंत्री अपने 15 दिनों की यात्रा के दौरान गंगा सागर से लेकर गंगोत्री तक गंगा किनारे स्थित विभिन्न स्थानों पर स्वयं जाकर नमामि गंगे परियोजना की प्रगति की समीक्षा करेंगी।उमा भारती लगभग ढाई हजार किलोमीटर की अपनी यात्रा के दौरान काकद्वीप, गंगासागर, कपिलमुनि आश्रम, नवद्वीप, मुर्शीदाबाद, फरक्का, सुल्तानगंज (भागलपुर), मुंगेर, पटना, आरा, बक्सर, वाराणसी, इलाहाबाद, श्रृंगवेरपुर, फतेहपुर, कानपुर, फतेहगढ़, कासगंज, नरोरा, भृगुआश्रम, ब्रजघाट, विदुरकुटी, हरिद्वार, उत्तर काशी होते हुए गंगोत्री तक जाएंगी। बताया गया है कि केंद्रीय मंत्री इस यात्रा को नदी, सड़क, रेल, हवाई और पैदल मार्ग से पूरा करेंगी। इस दौरान इन क्षेत्रों में आयोजित गंगा चौपाल में भी भाग लेंगी। गंगा चौपाल में मंत्री नमामि गंगे परियोजना से जुड़े विभिन्न हितधारकों के साथ इस परियोजना को सफल बनाने के उपायों पर चर्चा करेंगी। इनमें सरकारी, गैर-सरकारी संगठन, स्वयं सेवी संस्थाएं और स्थानीय निवासी शामिल होंगे।

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