कोलकाता।  कोलकाता की टीपू सुल्तान मस्ज़िद के इमाम नुरुल रहमान बरकती को हटा दिया गया है। बरकती को टीपू सुल्तान मस्ज़िद ट्रस्ट ने हटाया है। ट्रस्ट ने कहा है कि इमाम का काम सिर्फ नमाज़ पढना है और बरकती ने जो कहा उससे मुसलमानों को भी शर्मिंदगी महसूस हो रही है।बता दें कि बरकती को 1988 में बतौर इमाम नियुक्त किया गया था। नूरुल बरकती ने लालबत्ती हटाए जाने के सरकारी आदेश की ना सिर्फ नारफरमानी की थी बल्कि आदेश के बाद पीएम मोदी के खिलाफ फतवा भी जारी कर दिया था। बरकती ने आरएसएस ज्वाइन करने वाले मुस्लिमों को पीटने का आह्वान भी किया था।साथ ही बरकती पर ये भी आरोप लगे हैं कि उन्होंने अपने निजी कामों और अपने बिजनेस के लिए मस्जिद परिसर का गलत रूप से इस्तेमाल किया है। बता दें कि बरकती को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है। लालबत्ती वाले मुद्दे पर भी बरकती ने कहा था कि उन्हें लालबत्ती ना हटाने के लिए ममता बनर्जी ने ही कहा था।साथ ही ट्रस्ट द्वारा नुरुल रहमान बरकती को एक चिट्ठी भेज कर शोकॉज करते हुए तमाम सवाल भी पूछे गये हैं।

ज्ञात हो कि टीपू सुल्तान मस्जिद के न्यासी बोर्ड के प्रमुख शहजादा  प्रिंस अनवर अली शाह  ने  इमाम बरकती को उनके पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी और उनका वकीलों के साथ बातचीत भी अंतिम चरण में था। शहजादा  प्रिंस अनवर अली शाह की माने तो बरकती ने एक धार्मिक नेता होकर भी जिस तरह से विभेद मूलक व देश के खिलाफ बाते कही है वह उन्हें और उनके पद को शोभा नहीं देता है और ऐसे में उन्हें उनके पद पर बने रहने का कोई अर्थ नहीं है।

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