माध्यमिक भी पास नहीं है ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’

कोलकाता। बंगाल में भी फर्जी डाक्टरों यानी मुन्ना भाई एमबीबीएस की कमी नही है।  महानगर कोलकाता के बाईपास में स्थित रुबी अस्पताल में एक फर्जी डाक्टर कैसर आलम फर्जी द्वारा काफी दिनों तक मरीजों का इलाज कारने का मामला प्रकाश में तब आया जब उक्त फर्जी डाक्टर कैसर आलम सीआइडी  के हत्थें चढ़ा। दस्तावेजों के जरिए पिछले सात वर्षों से सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में नौकरी कर रहे फर्जी डॉक्टरों खुशीनाथ हल्दर और कैसर आलम को लेकर सीआइडी कोलकाता पहुंच गई।  शताब्दी एक्सप्रेस से दोनों को हावड़ा लाया गया और वहां से उन्हें लेकर सीआइडी की टीम भवानीपुर पहुंची। वहां उनसे पूछताछ की जाएगी। इसके पहले दोनों के घरों में छापामारी कर सीआइडी ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं। धृतिमान हल्दर और कैसर आलम को क्रमशा अलीपुरदुआर और उत्तर दिनाजपुर से गिरफ्तार किया गया था। उन्हें रविवार को विशेष अदालत में पेश कर सीआइडी अपनी हिरासत में लेगी। हल्दर मदारीहाट ब्लॉक के प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में काम करता था जबकि आलम चोपड़ा में ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में चिकित्सक था। दोनों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी पाई थी। आलम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए भी चयनित है। सीआइडी की ओर से बताया गया है कि पुलिस के साथ मिलकर फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ जांच अभियान चल रहा है। अभी और कई लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। बताया जा रहा है कि जलपाईगुड़ी जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी भी सीआइडी के संदेह के घेरे में हैं। आइडी की माने तो कैसर आलम माध्यमिक भी पास है कि नहीं यह भी संदेह है लेकिन उसने 2010 के मार्च माह से 2011 के सितम्बर माह तक रुबी अस्पताल में चिकित्सक के तौर पर काम किया था। बहरहाल माना जा रहा कि अस्पताल पर भी स्वास्थ्य विभाग की गाज गिर सकती है।

 

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