कोलकाता। आर्मी कमांड अस्पताल से भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी के गायब होने पर रहस्य बना हुआ है. 52 वर्षीय जूनियर वारंट ऑफिसर ब्रजेश कुमार शुक्ला अस्पताल से 4 मई से लापता हैं. एक हफ्ता बीतने के बाद भी शुक्ला के परिवार या कोलकाता पुलिस को उनका कोई अता-पता नहीं मिल सका है. असम के जोरहाट में तैनात शुक्ला को अलीपुर कमांड अस्पताल में 26 अप्रैल को मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए भर्ती कराया गया था. ऑपरेशन 2 मई को हुआ और उन्हें 5 मई को अस्पताल से छुट्टी मिलनी थी. लेकिन शुक्ला 4 मई की शाम को अस्पताल से रहस्यमयी ढंग से लापता हो गए.

शुक्ला के बेटे तरुण ने बताया, ‘अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक मेरे पिता को 4 मई को शाम 5.27 बजे अस्पताल से निकलते देखा गया. उसके बाद से उनका कोई पता नहीं है. हफ्ता हो गया है लेकिन पुलिस को उनका कोई सुराग नहीं मिल सका.’तरुण अपने पिता का पता लगाने के लिए कोलकाता में हैं. तरुण के मुताबिक उनके पिता ने आखिरी बार 3 मई तो बात की थी और वो पूरी तरह सामान्य लग रहे थे. तरुण ने कहा, ‘मेरे पिता अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद हमसे मिलने के लिए नागपुर आने वाले थे.’शुक्ला ने अपना मोबाइल और अन्य सामान अस्पताल में ही छोड़ दिया. इससे पुलिस का काम और मुश्किल हो गया है क्योंकि वो मोबाइल टॉवर से मैप कर उनकी लोकेशन का पता नहीं लगा सकती. शुक्ला के परिवार ने रक्षा मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय से मदद की अपील की है.

तरुण ने कहा, ‘हम थाह नहीं ले पा रहे कि उनके (शुक्ला) साथ असल में क्या हुआ. हर दिन बीतने के साथ हमारी उम्मीद कमजोर पड़ती जा रही है. हम रक्षा मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय से मदद के लिए अपील करना चाहते हैं. मेरे पिता ने तीन दशक तक सेना की सेवा की है. हफ्ता बीत गया है और हमें उनका कोई सुराग हाथ नहीं लगा है.’रक्षा मंत्रालय के कोलकाता में प्रवक्ता विंग कमांडर एस एस बिरदी ने कहा, ‘इसे गुमशुदगी का मामला नहीं माना जा सकता क्योंकि वो अपनी इच्छा से बाहर (अस्पताल से) गए. हालांकि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि जूनियर वारंट ऑफिसर अचानक लापता हो गए. भारतीय वायुसेना इसे ‘बिना वेतन अनुपस्थिति’ का केस मान रही है. एयरफोर्स पुलिस की ओर से इस मामले में कोलकाता पुलिस का पूरा सहयोग कर रही है.’हालांकि शुक्ला के परिवार का कहना है कि शुक्ला अस्पताल में मरीज की तरह भर्ती थे और उनका इलाज चल रहा था. इसलिए अस्पताल की जिम्मेदारी बनती है. अस्पताल ने डिस्चार्ज-इन-एब्सेंशिया सर्टिफिकेट जारी करने के साथ स्थानीय पुलिस को मामले की जानकारी दी.

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