10 मुख्यमंत्रियों को सुझाया गया समाधान

नई दिल्ली/कोलकाता।

The Union Home Minister, Shri Rajnath Singh chairing the meeting with the Chief Ministers to review the security issues to deal with Left Wing Extremism (LWE), in New Delhi on May 08, 2017. 	The Ministers of State for Home Affairs, Shri Hansraj Gangaram Ahir and Shri Kiren Rijiju and the National Security Adviser (NSA), Shri Ajit Doval are also seen.

केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और नक्सली हिंसा प्रभावित 10 राज्यों के मुख्यमंत्री इस समस्या से निपटने के तरीकों पर  सोमवार को मंथन किया. इस दौरान केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने नक्सल समस्या से निपटने के लिये आठ सूत्रीय ‘समाधान’ सुझाया. साथ ही नक्सल प्रभावित राज्य सरकारों से इसे ‘लक्ष्य की एकता’ के रूप में स्वीकार कर लागू करने का अनुरोध किया है. यह बैठक ऐसे समय हुई है जब एक पखवाड़े पहले छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों के हमले में सीआरपीएफ के 25 जवानों की मौत हो गई थी.उन्होंने कहा कि समाधान सिद्धांत के तहत कुशल नेतृत्व, आक्रामक रणनीति, प्रोत्साहन एवं प्रशिक्षण, कारगर खुफियातंत्र, कार्ययोजना के मानक, कारगर प्रोद्यौगिकी, प्रत्येक रणनीति की कार्ययोजना और नक्सलियों के वित्तपोषण को विफल करने की रणनीति को शामिल करने की जरूरत है. सिंह ने पिछली घटनाओं से सबक लेते हुये नक्सल विरोधी अभियानों को लागू करने में हर कदम पर आक्रामक कार्रवाई की जरूरत पर बल दिया.

उन्होंने कहा कि नक्सल समस्या से निपटने की नीति से रणनीति और सुरक्षा बलों की तैनाती, सड़क निर्माण सहित अन्य विकास कार्यों को पूरा करने तक आक्रामक होने की जरूरत है. सम्मेलन में पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हिस्सा लेने के लिये नहीं पहुंच सके. जबकि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के अलावा अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुये.सिंह ने नक्सल प्रभावित सभी राज्य सरकारों से नक्सली हिंसा के खत्मे को ‘‘साझा लक्ष्य’’ मानते हुये कार्ययोजना को लागू करने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि ‘बंदूक के बल पर विकास को रोकने और लोकतंत्र का गला घोंटने’ के प्रयासों को विफल करने के लिए एकीकृत कमान का गठन कर साझा रणनीति को अपनाना होगा.महत्वपूर्ण बैठक से पहले, सीआरपीएफ की नक्सल रोधी रणनीतिक कमान का मुख्यालय कोलकाता से छत्तीसगढ़ स्थानांतरित किया गया है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने आज कहा कि बैठक में खुफिया तंत्र में सुधार, मौजूदा अभियानों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण, समस्याग्रस्त इलाकों की पहचान और बेहतर परिणामों के लिये समाधानों की मांग पर जोर दिये जाने की संभावना है.नक्सलियों के हमले में पिछले दो महीने से भी कम समय में सबसे ज्यादा प्रभावित छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ के करीब 37 जवानों की मौत हुई है. गृहमंत्री सिंह बैठक की अध्यक्षता करेंगे. इस अहम बैठक के लिये छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया है.गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि मौजूदा समय में 90 प्रतिशत माओवादी गतिविधियां 35 जिलों में सिमट गयी हैं और 10 राज्यों के 68 जिलों में उनका प्रभाव है. इस बीच, सीआरपीएफ ने बल के मध्य जोन के कमान मुख्यालय को कोलकाता से रायपुर ‘तत्काल’ स्थानान्तरित करने का आदेश दिया.सात साल पहले ‘साजोसामान और संपर्क’ को वजह बताते हुये इसे रायपुर से कोलकाता स्थानांतरित कर दिया गया था. सीआरपीएफ के नवनियुक्त महानिदेशक राजीव राय भटनागर को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कल यहां होने वाले माओवाद प्रभावित राज्यों की उच्चस्तरीय बैठक से पहले कमान रायपुर में काम करना शुरू कर दे.सूत्रों ने कहा कि सीआरपीएफ के मध्य क्षेत्र के अतिरिक्त महानिदेशक कुलदीप सिंह को फौरन मुख्यालय स्थानांतरण आदेश के साथ कोलकाता से रायपुर भेजा गया. उन्होंने शुक्रवार को रायपुर में कमान का प्रभार संभाल लिया.

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