कहीं पिता तो कहीं रिश्ते के भाई ने किया दुष्कर्म

कोलकाता। रिश्तों की मर्यादा किस तरह से तार तार हो रही है। इसका पता उक्त घटनाों से ही चलता है। राज्य के दो महत्वपूर्ण जिलों उत्तर और दक्षिण 24 परगना में दुष्कर्म के चार मामलों में पूर्व सेना कर्मी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।पहली घटना उत्तर 24 परगना जिले के हाबरा थानांतर्गत हटथूबा घोषपाड़ा इलाके में हुई, जहां एक शराबी पिता ने अपनी ही नाबालिग बेटी को हवस का शिकार बनाया। पता चला है कि पेशे से फल विक्रेता शंभु दास शराब के नशे में धुत होकर अक्सर अपनी बेटी को हवस का शिकार बनाता था। हाबरा के गणद्वीपायन लाल बहादुर हाई स्कूल में पढ़ने वाली पीडि़ता ने लोकलाज के भय से चुप्पी साध रखी थी। बाप-बेटी के हावभाव देखकर शंभु की पत्नी व स्थानीय लोगों को संदेह हुआ। शंभु के बेटी के साथ कुकृत्य करते वक्त उन्होंने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। लोगों ने शंभु की सामूहिक पिटाई करने के बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ में कलयुगी पिता ने कबूल किया कि उसकी पत्नी जब घर से बाहर जाती थी तो वह अपनी बेटी के साथ शारीरिक संबंध बनाता था।दूसरी घटना दक्षिण 24 परगना जिले के महेशतल्ला इलाके में हुई। रिश्ते में मुंहबोले भाई शेख राजा ने इलाके में ही रहने वाली 15 वर्षीया मूक-बधिर किशोरी से दुष्कर्म किया। जब किशोरी की तबीयत बिगड़ गई तो परिजनों को संदेह हुआ। पूछताछ करने पर पीडि़ता ने परिजनों को सारी बात बता दी। स्थानीय लोगों ने रात में राजा को स्थानीय क्लब में बुलाकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना अपराध कबूल कर लिया। बाद में लोगों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया।

तीसरी घटना विधाननगर कमिश्नरेट के न्यू टाउन थानांतर्गत सुलंगुड़ी में हुई। सेना के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी पर नाबालिग को हवस का शिकार बनाए जाने की घटना प्रकाश में आई है। इस बाबत थाने में शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।चौथी घटना विधाननगर पूर्व थानांतर्गत सॉल्टलेक के दत्ताबाग इलाके में घटी। 35 वर्षीया एक महिला ने 52 वर्षीय अधेड़ पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अधेड़ को गिरफ्तार कर लिया। उसका नाम खगेंद्र नाथ कयाल है। पेशे से रिक्शा चालक खगेंद्र को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •