मालदा। एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने रेलमंत्री सुरेश प्रभु को खुला पत्र लिखा है।कारण वह रेल अधिकारियों के व्यवहार से नाखुश हैं। बुजुर्ज 61 वर्षीय पूर्व पुलिस अधिकारी उदय मजुमदार 17 मार्च को गौड एक्सप्रेस से कोलकाता जा रहे थे। उनका टिकट एसी टू टॉयर में था। सियालदह पहुंचने से पहले ही उनका ब्रीफकेस चोरी हो गया। ब्रीफकेस में दो मोबाइल, नगदी व गौड एक्सप्रेस से लौटने का टिकट था। उन्होंने सियालदह में चोरी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। उन्होंने जीआरपी के अधिकारियों से जानना चाहा है कि यदि वह गौड बंग एक्सप्रेस में उसी टिकट पर लौटना चाहें तो क्या करना होगा। जीआरपी की ओर से उन्हें रेलवे के अधिकारी के पास ले जाया गया।यहां उनसे कहा गया कि उन्हें फिर से टिकट कटानी होगी। इसके अलावा दूसरा उपाय नहीं है। मालदा लौटने के बाद उदयन मजुमदार ने रेलमंत्री सुरेश प्रभु को खुला पत्र लिखते हुए कहा है कि ट्रेन से सामान चोरी हो गई तो इसमें उनका क्या दोष है। इसकी सुरक्षा की जिम्मेवारी तो रेलवे की थी।उन्होंने ट्रेन में सीट रिर्जव कराया था, ताकि आराम से जा-सकें। लेकिन उनके साथ जिस तरह का व्यवहार हुआ वह दुखद है। एक यात्री को इस तरह से मुश्किल में डालना कतई उचित नहीं है। मुश्किल के समय में यात्री को सहयोग मिलनी चाहिए, न की उलटे उसकी समस्या बढ़ाई जानी चाहिए।पैस बड़ी बात नहीं है, बल्कि यात्री सुरक्षा व व्यवहार मायने रखता है। यदि उन्हें रेलवे से उचित जवाब नहीं मिला तो वह अदालत जाएंगे। मालदा स्टेशन मैनेजर हरेकृष्ण सिंह ने कहा कि घटना शियालदह में घटी है। शिकायत भी दर्ज कराई गई है।रेलवे के नियमानुसार टिकट खो जाने पर फिर से टिकट लेना होता है।

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