हावड़ा।  उलूबेड़िया स्थित तेहट्ट हाई स्कूल लगातार मीड़िया की खबरों में है। मंगलवार को यह स्कूल  तब मीडिया की खबरों में आ गया जब  उक्त स्कूल में पढ़ने वालों ने स्कूल में सरस्वती पूजा की मांग के तहत पथावरोध करना शुरु कर दिया। लगातार कई घंटों से उलूबेड़िया के कालीतल्ला मोड़ के 6 न. ऱाष्ट्रीय राज मार्ग में हो रहे पथावरोध को हटाने आई पुलिस के साथ उक्त स्कूल में पढ़ने वालों व स्थानीय लोगों का विवाद इतना बढ़ गया कि पुलिस ने लाठी चार्ज किया जिसके कारण कईयों के घायल होने की सूचना है। आरोप है कि पुलिस के लाठी भांजने से एक छात्रा का सिर फट गया है। वैसे पुलिस सूत्रों का का कहना है कि जुलिस ने जब लोगों को अवरोध उठाने के लिये कहा तो लोग उग्र हो गये और पुलिस पर पथराव कर दिया। ऐसे में पुलिस को स्थिति को काबू में करने के लिये अंशिक तौर पर बल का प्रयोग करना पड़ा।   उक्त मामले पर स्कूल में पढ़ने वालों व स्थानीय लोगों का आरोप है कि देश भर के ज्यादतर स्कूलों में सरस्वती पूजा करने की परम्परा है। लेकिन तेहट्ट हाई स्कूल में इस साल सरस्वती पूजा क्यों नहीं किया जा रहा है। आखिर राज्य सरकार और पुलिस क्यों एक खास वर्ग के ऐसे लोगों के सामने झूक रही है जिन्होंने स्कूल के माहौल को बिगाडा़। आखिर स्कूल में बाहरी लोगों द्वारा कथित नबी दिवस का आयोजन के मांग को सामने रखकर सरस्वती पूजा के आयोजन को बंद किया गया। यहीं नहीं स्कूल के प्रधान शिक्षक ने जब कट्टरवादियों के गलत मांग को नहीं माना तो स्कूल में ताला लगा दिया गया और प्रधान शिक्षक को अपने पद से इस्तिफा सौंपना पड़ा। ज्ञात हो कि नबी दिवस भी मनाने देना हेगा। लेकिन उक्त मांग को लेकर 13 जनवरी से इलाके में तनातनी का दौर शुरु हो गया और फिर तनाव फैल गई। वैसे खबर है कि दबाव के कारण भौमिक ने शुक्रवार को ही अपना इस्तिफा पत्र सौंपा था।  प्रधान अध्यापक का कहना था कि नये मांग के तहत स्कूल में पठन-पाठन पर असर पड़ रहा था । अक खास वर्ग के लोगों के उकसावें पर यहां पढ़नेवाले के एक वर्ग द्वारा नई मांग को लेकर हंगामा किया जा रहा था। ज्ञात हो कि उक्त स्थिति के कारण व्यवस्था को उलूबेड़िया ही नहीं बरन आसपास के इलाकों में भी धारा144 लागू करना पड़ा। लेकिन इसके बाद बी ेक वर्ग के लोगों ने स्कूल में घूस कर एक खास झंडा लगा दिया गया।

 

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