महामहिम ने दिया मामला सुलझाने का अश्वासन

देवाशिष चटर्जी

कोलकाता। बिगत चार दशकों से जिस जमीन पर हमलोग रह रहें है उक्त जमीन पर भले ही हमारे खून और पसीने गिरे हों लेकिन आज भी हमलोगों को मूलभूत सुविधा व अधिकारों से वंचित रहना पड़ रहा है। उक्त बात नॉर्थ पोर्ट टेनेंट एसोसिएशन ट्रस्ट के सचिव मुनिलाल तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा। तिवारी ने पूरे मामले की जानकारी राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को देने के बाद राज्यपाल भवन के सामने मीडिया कर्मियों के साथ बातचीत में कहा कि वह लोग काशीपुर स्थित कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की जमीन में लगभग चार दशकों से किरायेदार की हैसियत से रह रह रहें हैं। लेकिन आजतक उन्हें मूलभूत सुविधाों से वंचित कर रखा गया है और पोर्ट लगातार मनमाना किराया ले रही है। बरसात में उनलोगों का जीवन नारकिय बन जाता है। तिवारी ने बताया कि नॉर्थ पोर्ट टेनेंट एसोसिएशन ट्रस्ट के कुल पांच प्रतिनिधी पीडीएचआर के डॉ. प्रदीप कुमार दुबे, अजय कुमार नंदी, गागासागर राय, सुनिल सिंह व खुद वह राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मिलकर उन्हें अपनी व्यथा सुनाई तो राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने उन्हें अश्वासन  दिया की वह मामले में हस्ताक्षेप कर जल्द से जल्द उनके समस्या को सुलझाने की कोशिश की जाएगी। तिवारी ने आरोप लगाते हुए बताया कि वह कभी उक्त जमीन पल 56 किरायेदार थें लेकिन आज 27 लोग ही जिंदा हैं। हमलोग चहते हैं कि पोर्ट अन्य लोगों की तरह हमलोगों को जमीन का मालिकाना हक दें या फिर वाजिब किराया लेकर हमें मूलभूत सुविधाएं प्रदान करें। लेकिन हैरत की बात है कि हमे कबी पुलिस द्वारा तो कभी अन्य तरह से उत्पीड़ित कर जमीन से बेदखल करने की साजिश की जा रही है।

नॉर्थ पोर्ट टेनेंट एसोसिएशन ट्रस्ट के सचिव ने बताया कि पार्लियामेंट कमेटी की आठवीं व तेरहवीं लोकसभा ने आदेश भी दिया था की मानवता के तहत पोर्ट उक्त जमीन को हमलोगों को सरकारी दर पर मूलभूत सुविधाओं के तहत दे। इसके अलावा केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी मामले पर पोर्ट ट्रस्ट के चेयरमैन को एक चिट्ठी भेजकर मामले को सुलझाने के लिये कहा था। लेकिन स्थिति यह है कि हमलोगों के साथ अन्याय हो रहा है। हमें राज्यपाल से बड़ी उम्मीद है कि हमारी समस्या का समाधान उनकी मदद से होगा।

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