धक्कामुक्की में एक दुसरे पर गिरे तीर्थयात्री
15 गंभीर रूप से घायल

सागरद्वीप से जगदीश यादव
मोक्ष भूमि के तौर पर जाने जाने वाले गंगासागर में भगदड़ मचने से छह तीर्थ यात्रियों की मौत हो गयी तथा 15 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये। हादसा गंगासागर के कचुबेड़िया लॉन्च घाट पर हुआ। आरोप लगाया जा रहा की अत्याधिक दबाव व पुलिस व्यवस्था की लापरवाही के कारण ही उक्त घटना घटी।
वैस आज सुबह से ही घर वापस जा पुण्यार्थियों का रेला साफ दिखा। पुलिस और स्वंय सेवकों की झुंलाहत भी साफ दिखी। पुण्यार्थियों ने आरोप लगाते हुए बताया कि पांच नंबर जेटी पर शाम करीब 4.30 बजे घंटों लॉन्च का इंतजार कर रही पुण्यार्थियों की भीड़ के सामने जैसे ही लांच पहुंचा इनमे लांच में उठने की जैसे होड़ लग गई थी। ऐसे में जल्दीबाजी के कारण भगदड़ मच गयी। धक्कामुक्की में जो लोग जहां गिरे उनके ऊपर से लोग भागने लगे। जानकारी के मुताबिक मृतकों में सभी महिलाएं हैं।
खबर के लिखें जाने तक मृतकों व घायलों परिचय प्राप्त नहीं हो मिल सका था। घायलों में एक को कचुबेड़िया के अस्थायी अस्पताल में और दो को रुद्रनगर अस्पताल में भरती कराया गया है। बता दें कि गंगासागर मेले के समाप्त होने के बाद तमाम मीडिया कर्मी व राज्य के जो प्रशासनिक अधिकारी वापस कोलकाता लौट रहे थे उन्हे वापस गंगासागर पहंचना पड़ा। मामले पर बात करने पर राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने बताया कि गंगासागर मेले से लौटते वक्त यह हादसा हुआ।
प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया कि पांच नंबर जेटी का बैरिकेड हटते ही वहां लॉन्च में उठने के लिए एकाएक भगदड़ मच गयी। राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने बताया कि मेला स्थल व अन्य जगहों पर पुलिस की पर्याप्त व्यवस्था थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार लॉन्च घाट पर भारी भीड़ को संभालने के लिए उचित व्यवस्था नदारद रहने के कारण लोगों को पांच-पांच घंटे तक उन्हें ज्वार का इंतजार करना पड़ता है। लांच घाट पर भीड़ के दबाव को संभालने के लिए व्यवस्था के अपर्याप्त होने से प्राय: यहां धक्कामुक्की की हर वर्ष का दृश्य है। बता दें कि प्रशासन के अनुसार गंगासागर में 16 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे।मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया गया है।
मेला औपचारिक तौर समापन की ओर था। घायलों को अस्पताल में भरती कराया गया है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब है। 14 जनवरी 2010 को भी गंगासागर मेले में मची भगदड़ से कम से कम सात तीर्थयात्री मारे गए थें व बीस से ज़्यादा लोग घायल हुए थें।

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