दीदी का करिश्मा
सगरद्वीप। लघु कुम्भ को रुप में कुछ दिनों के लिये तब्दील हुए गंगासागर की पावन धरती में जीवन के तमाम रंग नजर आ रहें हैं। पेश है कि देश के धार्मिक मेले में द्वितीय स्थान रखने वाले मेले की कुछ झलकियां। मेले में बिहार के पटना से 17 लोगों के साथ पुण्य स्नान के लिये आई मालती देवी यहां की व्यवस्था से काफी प्रभावित दिखीं। उन्होंने बात करने पर कहा कि यह बंगाल है और दीदी का करिश्मा का कोई जवाब नहीं है
कहां गये 61 करोड़
सागर मेले के कवरेज के लिये देश के विभिन्न भागों से आये मीडिया कर्मियों को यहां इंटरनेट व्यवस्था के लचर होने के कारम परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। मीडिया कर्मी आपस में ही बात करते रहें कि जब इंटरनंट जैसी मूलभूत व्यवस्था लचर है तो मेले पर इस वर्ष 61 करोड़ खर्च कैसे हो गये।
आंख बंद सब गायब
गंगा सागर में स्नान करने आये ऐसे लोगों की कमी नहीं रही जो सागर डुबकी लगाकर निकले थें कि उनका सामान गायब होता रहा। नंग धड़ंग अवस्था में ऐसे लोगों की स्थिति को देखकर आंख भर आना स्वाभाविक है।
शेर पर सवार होकर तप
यहां साधु समाज की एक अलग ही दुनियां ही बसी हुई है। रात भर साधुओं को भक्तों के साथ चिलम पिते हुए देखा गया। एक साधु अपने भक्तों को समझा रहा था कि उसने जंगल में शेर पर सवार होकर तप किया है। साधु की बात सुनकर उनके भक्त की भक्ति देखती ही बन रही थी।
सागर तट से सेल्फी
सागर के राजा के राजा कपिल मुनि के क्षेत्र में आये लोग पुण्यार्थी हों या फिर पुलिस, एनडीआरएफ, रेडक्रास, मेडिकल टीम या फिर स्वंयसेवी संस्थाओं के लोग हर किसी को यहां सेल्फी लेते हुए देखा जा रहा है। यहां आये लोग यहां आने के अवसर को संजो कर रखना चहते थें।
यहां पर भी रसगुल्ला पर बवाल
रसगुल्ला की मिठास इन दिनों बंगाल व ओडिशा के बीच कड़वाहट का कारण बन चुकी है। इसकी झलक सगरद्वीप में मिठाई की एक दुकान में देखने को मिली उत्तर प्रदेश के जब एक पुण्यार्थी ने उक्त मिठाई की तारीफ की तो उक्त राज्य से सम्बंध रखने वाले दो लोग इस बात पर बहस में जुट गये कि रसगुल्ला का जन्म कहां हुआ।