सागरद्वीप से जगदीश यादव
मोक्षधाम के रुप में जन मानस में ख्यात गंगा सागर में मकर संक्रांति के पुण्य स्नान के लिये जन आस्था का रेला सागर द्वीप पर उमड़ रहा था। वैसे इस साल सागरद्वीप में तमाम स्वंय सेवी संस्थाओं को एक ही परेशानी का समाना करना पड़ रहा है। उक्त परेशानी है नोटबंदी। सागर द्वीप में गंगा सागर पुण्यार्थियों की सेवा में 99 वर्ष से तैनात प्राचीन सेवा संस्था बजरंग परिषद  के संयुक्त सह सचिव हरिनारायण दुबे ने दावा करते हुए बताया कि इस वर्ष मेले में नोटबंदी का व्यापक असर पड़ा है। दुबे के आरोप को माने तो उन्होंने कहा कि, यहां नोटबंदी का लगभग 40 प्रतिशत असर पड़ा है। यानी लगभग एक सौ साल से सागर की धरती में लापता लोगों के संकट मोचक बनी रहने वाली संस्था बजरंग परिषद पर भी नोबंदी की मार पड़ी है। हरिनारायण के आरोप के अनुसार इस साल चंदा कम मिला है लेकिन ऐसे लोगों की कमी भी नहीं है जिनके लिये सेवा एक मिशन है और उन लोगों के सहयोग से हमारा काम चल रहा है।
मामले पर उक्त संस्था के मेला प्रभारी प्रेमनाथ दुबे ने कहा कि असर तो पड़ा है लेकिन सेवा कार्य में कटौती नहीं की गई है।
हमेशा की तरह सागर द्वीप में गंगा सागर पुण्यार्थियों की सेवा में 99 वर्ष से तैनात प्राचीन सेवा संस्था बजरंग परिषद  के शिविर उन लोगों का ठीकाना बना हुआ है जो यहां आकर अपने परिजनों से बिछड़ गये हैं। बजरंग परिषद  के सेवामंत्री सुरेश अग्रवाल ने बताया कि अबतक लगभग 1460 लोग अपने परिजनों से बिछड़ गये हैं इनमें से 1129 लोगों को उनके परिजनों से मिलवा दिया गया है।
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