नोटबंदी के खिलाफ काम नहीं आया प्रचार अभियान 

कोलकाता। भले ही पं. बंगाल में हुए उप चुनाव में ममता बनर्जी की आंधी के आगे किसी की नहीं चली। लेकिन चुनावी परिणाम बताते है कि राज्य में भाजपा सत्ताधीर सरकार के लिये चुनौती बन गई है। ऐसे में कहा जा रहा है कि नोटबंदी को लेकर छिड़ी देशव्यापी बहस के बीच पश्चिम बंगाल की राजनीति में भाजपा के लिए यह नोटबंदी के फैसला निर्णायक बदलाव की पहल करता और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए मुख्य चुनौती के तौर पर उभरता प्रतीत हो रहा है। नोटबंदी के साए में सम्पन्न बंगाल उपचुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल ने इस फैसले के खिलाफ जबरदस्त प्रचार अभियान चलाया था, जबकि भाजपा इसके समर्थन में थी। कांग्रेस और माकपा ने भी इस फैसले का विरोध किया था।

बहरहाल, भाजपा को मिले मत में इजाफे से पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व खुश है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी सराहना की और इस उत्साहवर्धक प्रदर्शन के लिए बंगाल भाजपा इकाई की पीठ भी थपथपाई। उपचुनाव के नतीजों के बाद मोदी ने ट्वीट किया, मैं बंगाल भाजपा की उनके उत्साहवर्धक प्रदर्शन के लिए सराहना करता हूं। पश्चिम बंगाल के शानदार लोगों की सेवा के लिए भाजपा पूरी कर्मठता से प्रतिबद्ध है। तृणमूल ने कूचबिहार और तामलुक लोकसभा सीटों पर करीब पांच लाख मतों के जबरदस्त अंतर से जीत दर्ज की और मोंटेश्वर विधानसभा सीट पर उसने 1.27 लाख मतों से बहुमत हासिल किया। तृणमूल ने अपनी इस जीत को नोटबंदी के खिलाफ जनता का विरोध करार दिया था। अपने छह महीना पुराने गठबंधन को तोड़ने का फैसला करने वाली कांग्रेस और माकपा नीत वाम मोर्चा को इन उपचुनावों में भारी राजनीतिक क्षति हुई, जबकि भाजपा ने बंगाल में तृणमूल के लिए मुख्य विपक्ष के तौर पर उभरते हुए संतोषजनक बढ़त हासिल की।

Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •