दो सेक्स वर्करों को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में जगह

लेकिन समिति से कंपनी ने बनाये फासले

जगदीश यादव

कोलकाता। देश की बात छोड़ दें तो दुनिया भर में सेक्स वर्करों को समाज हेय की नजर से देखता है।  लेकिन महानगर कोलकाता  में एक कंपनी ऐसी है जो एशिया के सबसे बड़े रेडलाइट एरिया सोनागाछी में सेक्स कारोबार में लिप्त महिलाओं और उनके संतानों को नौकरी देने का काम करती है। बताया गया है कि उक्त कंपनी न सिर्फ नौकरी दे रही है बल्कि उनमें से दो महिलाओं को इसने अपने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल कर लिया है।  किसी कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल होकर ये सेक्स वर्कर्स अपने आप में मिसाल हैं। स्थानीय सेक्स कर्करों की माने तो  सोनागाछी के रामबागान स्थित रजाई और बैग निर्माण करने वाली कंपनी सारी बारी ने एक दशक पहले शहरे के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया सोनागाछी में सेक्स वर्कर्स को नौकरी देने का सिलसिला शुरू किया।

कंपनी की फाउंडर मैनेजिंग डायरेक्टर साराह लैंस कैलिफॉर्निया की मूल निवासी हैं। एक दशक पहले उन्होंने एशिया के इस सेक्स कारोबार का हब से शोषित महिलाओं को बाहर निकालने के मकसद से कंपनी लांच की थी।  शुरुआत में सिर्फ पुरानी साड़ियों से रजाई और बैग बनाने का काम शुरू करने के बाद आज यह कंपनी बेडकवर, पिलो कवर समेत बच्चों की जरूरत के कपड़ों समेत कई प्रोडक्ट का निर्माण करती है।  सारी बारी में निर्मित ज्यादातर प्रोडक्ट यूरोप और अमेरिका में क्रिसमस को ध्यान रखकर तैयार किया जाता है।  साथ ही इसके प्रोडक्ट ऑनलाइन रीटेल माध्यमों से भी बाजार में बिकते हैं. वित्त वर्ष 2015 के आंकड़ों के मुताबिक कंपनी की वार्षिक ग्रॉस सेल 1 करोड़ रुपये से अधिक है।  वहीं कंपनी ने 2015 में डोनेशन के माध्यम से 70 लाख रुपये से अधिक एकत्रित किया है।  कंपनी के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा समय में उसके सोनागाछी स्थित फैक्ट्री पर रेडलाइट एरिया की 120 से अधिक पूर्व सेक्स वर्कर नौकरी करती है।  वहां कंपनी के प्लान के मुताबिक नई फैक्ट्री के लिए वह 65 और सेक्स वर्कर को नौकरी देने की प्रक्रिया में लगी हुई है।  कंपनी के बोर्ड ने यहां लंबे समय से काम कर रही दो महिलाओं छाया और सुप्रिया को हाल ही में सर्वसम्मति से बोर्ड में जगह दी है।

उक्त मामले पर यौनकर्मियों के अधिकारों के लिये कार्यरत संगठन दुर्बार महिला समन्वय समिति की जन सम्पर्क अधिकारी महाश्वेता ने खास बातचीत में बताया कि मैने भी उक्त कंपनी के बारे में सुना है लेकिन किसी पर पूर्ण भरोसा नहीं कर सकते। कंपनी हमारे साथ ठीक से बातचीत भी नहीं की है जबकि हम मामले पर बात करने के लिये इच्छुक थें। कारण हम सेक्स वर्करों के हीतों के लिये फूंक कर कदम रखना चाहते हैं।

दुर्बार महिला समन्वय समिति के संस्थापक कहे जाने वाले डॉ. सरोजित जाना ने बताया कि कंपनी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। लेकिन इस तरह की हजारों कंपनी आई और चली गई।डॉ. जाना ने कहा कि वह मामले की जानकारी लेकर बाद में बताएगें।

इधर उक्त कंपनी के बारे में एक सेक्स वर्कर एस. फोकना ने  खास बातचीत में बताया कि कभी उक्त कंपनी में उनकी बेटी  पूनम फोकना(बदला नाम) काम करती थी। लेकिन शादी के बाद काम छोड़ दिया है। एस. फोकना ने की माने तो कंपनी पुराने कपड़े खरीदती है और पिर उससे हाथों के दस्ताने, तकिया, मोजा सह अन्य सामान बनाती है। कंपनी में सेक्स वर्करों के अलावा उम्र ढलने के बाद पूर्व सेक्स वर्कर और उनके संताने काम करती है।

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