व्यवसाय के दिग्गजों ने भी किया इनके आयडिया को सलाम 

कोलकाता। 500 और 1000 रुपए के नोटों के बंदी के ऐलान के बाद से आम लोगों से ज्यादा व्यवसाय के दिग्गज परेशान हैं। बाजार के दिग्गज समझ नहीं पा रहें कि क्या करें क्यों कि उनका व्यवसाय आकाश से जमीन पर आ गया है। वहीं मछली बेचने वालों ने कोलकाता में व्यवसाय का जो तरीका निकाला है उससे बाजार के दिग्गज भी कह रहें हैं अरे वाह क्या आयडिया है। जी हां,  बैंकों में 500, 1000 के नोट बदलने और एटीएम  से 2000 रुपए निकालने के लिए लंबी लाइन लगी हुई है। लेकिन गली मुहल्ले में घूमकर मछली बेचने वाली ने आजकल अपना डेरा कोलकाता के तीन बैंकों के बाहर लगी लाइनों के पास ही डाल रखा है। दरअसल मामला यह है कि बैंकों के बाहर लगी लंबी लाइनों को देखते हुए मछली बेचने वाली ने सोचा की क्यों ने यही मछली बेच ली जाए। लोगों ने जब मछली बेचने वाली को बैंक के बाहर अपना मछली वाला ड्रम रखे देखा तो वह चकित जरूर हुए लेकिन मछली वाली की रणनीति कारगर रही। आमतौर पर वह घर-घर जाकर दिन भर में करीब 5 किलोमीटर चलने के बावजूद तीन-चौथाई मछली ही बेच पाती थी लेकिन बैंक के बाहर बैठने के बाद से वह दोपहर तक मछली वाला ड्रम खाली हो जाता है।बैंकों के बाहर मछली बेचने वाली कनोन सेनापति ने बताया, ‘मेरे सभी कस्टमर्स बैंक जा रहे हैं। तो मैंने सोचा कि क्यों नहीं वहीं बैठा जाए जहां ग्राहक हैं। मैं सुबह 7:30 बजे आई जब लोग लाइन लगा रहे थे। लोग बैंक से पैसे बदलने के बाद अपनी पसंद की मछली खरीद कर घर जाने लगे और मुझे नए नोट भी मिलने लगे।’  उन्होंने बताया, ‘पिछले गुरुवार के बाद से कमाई एकदम से कम हो गई थी। लेकिन मुझे पता था कि हम बंगाली ज्यादा दिन मछली से दूर नहीं रह सकते। लोग लाइन में लगने से पहले अपने पसंद की मछली अलग रखने को कह रहे हैं और पैसे निकालने के बाद मछली खरीद कर जा रहे हैं।’ सेनापति ने केवल सही जगह ही नहीं चुनी बल्कि उन्होंने महंगी मछलियों की जगह 250 से कम की मछलियां भी ड्रम में रखना शुरू कर दिया है। इस समय लोग काफी बचा-बचा कर खर्च कर रहे हैं ऐसे में उनकी यह स्ट्रैटजी भी काम कर गई।

 

 

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