कोलकाता।  आमतौर पर इस प्रदेश ही नहीं देश भर में आमलोगों के बीच पुलिस को लेकर नकरात्मक ख्याल भी होता है। लेकिन महानगर कोलकाता में पुलिस द्वारा मानवता की मिशाल पेश करने का एक बड़ा उदाहरण सामने आया है। फुटपाथ पर जिंदगी गुजार रहे एक 76 साल के रिटायर्ड नगर निगम कर्मचारी को पुलिस की मदद से रहने का ठिकाना मिल गया। रात चारू मार्केट पुलिस को बुजुर्ग के मामले में जानकारी मिली और पुलिस उनकी मदद के लिए मौके पर पहुंची। बुजुर्ग का नाम आलोक बरीक है। जब पुलिस उनके पास पहुंची तो उन्होंने बताया कि उनका कोई संबंधी नहीं है और उन्हें रहने के लिए जगह की जरूरत है। उन्होंने पुलिस से उनके लिए रहने की उचित व्यवस्था करने की अपील की। आलोक पहले नगर निगर कर्मचारी थे। जब वह नौकरी करते थे तब वह किराए के मकान में रहते थे। जब वह रिटायर हुए तब कोई पेंशन पॉलिसी भी नहीं थी। इसके बाद उन्होंने अपने भतीजे की मदद मांगी, लेकिन वहां से भी निराशा हाथ लगने के बाद वह फुटपाथ पर आ गए।

पुलिसवालों ने  ने जब इस वृद्ध की कहानी जानी तो उनका दिल पसीज गया और उन्होंने तत्काल एक एनजीओ से बुजुर्ग की मदद करने के लिए कहा। एनजीओ सदस्य तापस चंद्र भौमचिक ने काफी प्रयास करने के बाद कोलाघाट के एक वृद्धाश्रम में आलोक के लिए जगह खोज निकाली।एक एनजीओ कार्यकर्ता ने बताया, ‘अनवर शाह रोड के आस-पास के इलाकों में कई पैसे वाले लोग रहते हैं, लेकिन वहां पर एक इतना वृद्ध और असहाय व्यक्ति कई सालों से फुटपाथ पर रह रहा था और कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया।’ खैर देर आयद लेकिन दुरुस्त आयद की बात ही कुछ अलग होती है।

 

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