जगदीश यादव

कोलकाता। एशिया के सबसे बड़े रेडलाइट इलाका सोनागाछी के अपने रंग है। यहां के सेक्स वर्करों का अपना एक अलग जीवन होता है और यहां जिन्दादिली साफ महसूस की जा सकती है। इसी तरह से यहां की गलियों में तमाम पर्व-त्यौहार मनाये जाते हैं और वह भी पूरी शिद्दत के साथ। लेकिन इस वर्ष यानी गुरुवार को यहां रक्षा बंधन का पर्व नहीं मनाया जाने के कारण एक सवाल पैदा होता है कि क्या परम्परा में दरार आ गई ।  । Sonagachi 2सोनागाछी में सेक्स वर्करों की यूनियन कही जाने वाली दुर्बार महिला समिति के त्वाधान में रक्षाबंधन का पर्व व्यापक स्तर पर मनाया जाता रहा है। लेकिन गुरुवार को यहां की गलियों में लोगों को राखी बांधे जाने का नजारा नहीं दिखा। उक्त समिति ही सालों से यहां रक्षाबंधन का त्योहार मानती रही है। जिसके तहत यहां की सेक्स वर्कर  मंत्रीयों से लकेर सेलेब्रिटियों,  आला अधिकारियों को भी  राखी बांधती हैं। मामले पर जब कुछ सेक्स वर्करों से बात की गई तो नाम की गोपनियता के शर्त पर कुछ ने बताया कि रक्षा बंधन पवित्र बंधन है और यह ठीक ही हुआ की रक्षा बंधन नहीं मनाया गया कारण ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो हो सकता है कि उनसे राखी बंधवाने के बाद भी , रात के अंधेरे में कस्टमर बन उनके पास आये। ऐसा होने पर रक्षा बंधन का अपमान होगा।Sonagachi 3

वहीं मामले पर दुर्बार महिला समिति की सचिव काजल बोस ने बताया कि उक्त बात अफवाह है कि ग्रहकों के कम होने से या फिर उनके कम हो जाने के डर से हमलोगों ने यहां रक्षाबंधन का आयोजन नहीं किया है। जबकि समिति  की जन सम्पर्क अधिकारी महाश्वेता ने बताया स्वीकार किया कि इस वर्ष यहां रक्षा बंधन का आयोजन नहीं हो सका है। कारण हमारे पास सेक्स वर्करों से जूड़ी काफी योजनाएं है और फिलहाल हमारा ध्यान इन योजनाओं पर ही है । इनमे एक कारण आर्थिक परेशानी का भी है। वैसे यह बात भी ठीक है कि यहां उन लोगों को रखी नहीं बांधा जा सकता है जो सेक्स वर्करों के ग्रहक होंते हैं। इस पर्व की अपनी मर्यादा है और मर्यादा तोड़ना ठीक नहीं है। महाश्वेता की माने तो वैसे राज्य में कई जगहों पर सेक्स वर्करों ने रक्षा बंधन का पर्व मनाया है। हुगली का सेवड़ाफुली हो या फिर दुर्गापुर इन जगहों पर सेक्स वर्करों ने उक्त पर्व को अपने स्तर पर मनाया है।

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