सही नहीं जा रही है घायल प्रदर्शनकारियों की पीड़ा!

कोलकाता। बंगाल में लगभग हत्थे से उखड़ने की स्थिती का सामना मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी यानी माकपा को करना पड़ रहा है। ऐसे में अपने आप को स्वस्थ्य रखने के लिये माकपा को अब कश्मीर का सहारा लेना पड़ रहा । जबकि उक्त पार्टी के द्वारा कश्मीर के मुद्दे से दूर ही रहती थी।  अब माकपा के द्वारा सरकार से आग्रह किया कि वह जम्मू एवं कश्मीर का विवाद खत्म करने के लिए तत्काल बातचीत शुरू करे और इसमें पाकिस्तान के साथ बातचीत भी अनिवार्य रूप से शामिल हो। माकपा ने एक बयान में कहा है कि वर्तमान विवाद को समाप्त करने के लिए ही नहीं बल्कि कश्मीर में सामान्य स्थिति एवं स्थाई शांति के लिए तत्काल बातचीत शुरू करने की जरूरत है। पार्टी ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है। बयान में कहा गया है कि राज्य स्तर पर सभी राजनीतिक शक्तियों एवं सामाजिक गुटों के साथ तत्काल अनिवार्य रूप से विचार-विमर्श शुरू हो। बयान में यह भी कहा गया है कि सरकार सभी लंबित मुद्दों पर भारत-पाकिस्तान की बातचीत फिर शुरू करे। इस बातचीत में पाकिस्तान के साथ सभी व्यापक मुद्दों पर बातचीत शामिल हो। खास बात तो यह है कि माकपा पोलित ब्यूरो की दिल्ली में समाप्त हुई बैठक में अन्य मुद्दों के साथ जम्मू एवं कश्मीर मुद्दे पर भी चर्चा हुई।माकपा ने कश्मीर घाटी में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गहरी चिंता जताई। घाटी में शीर्ष आतंकी कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से प्रदर्शनकारियों एवं सुरक्षा बलों के बीच जारी झड़पों में अब तक करीब 50 लोगों की मौत हो गई है और हजारों घायल हुए हैं।पार्टी के बयान में कहा गया है कि हताहतों की बड़ी संख्या और गंभीर जख्म उस बर्बरता को लेकर सवाल उठा रहे हैं जिनके जरिए सुरक्षा बलों ने विरोध को शांत करने की कोशिश की है।बयान में कहा गया है कि पत्थरबाजी करने वाले युवकों पर ‘गैर घातक’ पेलेट गोलियों के इस्तेमाल से कई प्रदर्शनकारियों की आंखों में चोट लगी है और आंखों की रोशनी चली गई है।माकपा ने कहा है कि अधिकांश चोटें कमर के ऊपर के भाग में लगी हैं। इसलिए पेलेट गन का इस्तेमाल हर हाल में तत्काल बंद हो। माकपा ने मांग की है कि निहत्थे प्रदर्शनकारियों को जिन लोगों ने मारा है, उन्हें अनिवार्य रूप से जवाबदेह ठहराया जाए।पार्टी ने जिनके परिवार के लोग मरे हैं, उन सभी को पर्याप्त मुआवजा देने और घायलों को उनकी आजीविका का साधन सुनिश्चित कराते हुए पुनर्वासित करने की मांग की है। बहरहाल माकपा अब कश्मीर का भी सहारा ले रही है । देखना की माकापा को कश्मीर कितना दूर ले जाती है।

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