-मरीज के सीने में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया इम्प्लांटेबल कार्डिएक मॉनिटर डिवाइस 

-पूर्वी क्षेत्र में अपनी तरह का पहला सफल प्रत्यारोपण 

कोलकाता(संवाददाता) । महानगर के प्रमुख अस्पतालों में शुमार अपोलो ग्लेनिगल्स हास्पिटल्स, कोलकाता के डाक्टरों की टीम ने डा. शुभ्रो बनर्जी के मार्गदर्शन में एक मरीज के सीने में सफलतापूर्वक इम्प्लांटेबल कार्डिएक मॉनिटर डिवाइस (आइएलआर) प्रत्यारोपित किया है। पूर्वी क्षेत्र में यह अपनी तरह का पहला सफल प्रत्यारोपण है। डा. बनर्जी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इसे समीर राय (57) नामक मरीज के ‘चेस्ट वॉलÓ में प्रत्यारोपित किया गया है। इसके लिए कोई सर्जरी नहीं की गई, बल्कि एक इंजेक्शन द्वारा इसे प्रत्यारोपित किया गया है इसलिए न चीरफाड़ की गई, न रक्त स्राव हुआ और न दर्द जैसी कोई बात थी। आइएलआर की बदौलत मरीज के दिल की इसीजी अब हर वक्त रिकार्ड होगी। दिल की धड़कन असामान्य रूप से बढऩे के अलावा उसकी वजह का भी आसानी से पता चल जाएगा। समीर राय ने बताया कि 2008 में उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। तब उन्होंने एंजियोप्लास्टी कराई थी। उसके बाद से वे सामान्य जीवन जी रहे थे। कुछ दिन पहले ड्यूटी के दौरान वे अचानक से बेसुध (ब्लैक आउट) हो गए थे। डा. बनर्जी से संपर्क करने पर उन्होंने इस ‘ब्लैक आउटÓ का कारण जानने के लिए उनके सीने में आइएलआर प्रत्यारोपित किया है। आगे कभी भी ब्लैक आउट होने पर इसके कारण का आसानी से पता चल जाएगा क्योंकि यह उस समय के इसीजी को तुरंत रिकार्ड कर लेगा। डा. बनर्जी ने कहा कि ब्लैक आउट चंद सेकेंड के लिए होता है इसलिए उसके बाद इसीजी कराने पर इसकी सटीक वजह का पता नहीं चल पाता, लेकिन आइएलआर से आसानी से मालूम हो जाएगा, जिससे इलाज में काफी आसानी होगी। आइएलआर तीन साल तक मरीज के सीने में काम करेगा। इसकी मरीज की शारीरिक स्थिति के मुताबिक प्रोग्रामिंग की जा सकती है।

 

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