घोसले में फंसकर कौवा हो गया था कैद

जगदीश यादव

कोलकाता। हमेशा अपराधियों के पिछे सिर खपाने वाली पुलिस का बुधवार की शाम से पहले कुछ अलग ही चेहरा सामने आया। जी हां, एक ऐसा चेहरा जो संवेदनाओं व दया से ओतप्रोत हो। घटना पोर्ट अंचल के गार्डेनरीच इलाके की है। जहां सिमेंटकल मोड़ के पास एक कदम के पेड़ के पास पुलिस व कर्मियों सीईएससी की के साथ ही लोगों की भीड़ जुटी हुई थी। यहां दो महिला पुलिस कर्मी भी मौजूद थीं । सबकी निगाह कदम के पेड़ के लगभग आखिरी छोर पर टीकी थी। कोई कुछ कह रहा था तो कोई कुछ। वहीं सीईएससी का एक कर्मी सिढ़ी के पर चढ़कर कदम के पेड़ पर एक घोसले में बूरी तरह से फंसे एक कौवें को घोसले से निकलने के लिये प्रयासरत दिखा। जबकि दुसरी ओर आकाश में कौवों का झुंड कांव-कांव करते हुए उक्त सीईएससी कर्मी पर हमले की कोशिश कर रहें थें तो निचे सड़क पर खड़े पुलिस कर्मी आकाश में चिल्ला रहें कौवों को भगा रहें थे ताकि कौवों का झुंड सिढ़ी पर चढ़े सीईएससी कर्मी पर हमला नहीं कर सके। आखिर कर सीईएससी व पुलिस कर्मियों का अपरेशन सफल हो गया और घोसले में फंसे कौवें को बचाकर निचे लाया गया। लेकिन काम यहीं खतम नहीं हुआ था। कारण कौवें के शरीर व पैर नायलॉन की पतली सूत में लिपटा पाया गया। लेकिन पुलिस वाले कौवें से नायलॉन को अलग नहीं कर सके। अब कौवें को एक फर्नीचर की दुकान में ले जाया गया जहां दुकानदार ने कैची से नायलॉन की सुत को काटकर कौवें को आजाद करवाया। मामले पर पुलिस के आला अधिकारी ने हंसते हुए कहा कि मुझे अपने विभाग पर गर्व है और इससे ज्यादा क्या कहूं।

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