नई दिल्ली। देशभर के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में एपीवाई सेवा प्रदाता के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सहकारिता बैंक और डाक विभाग द्वारा अटल पेंशन योजना को लागू किया जा रहा है। 30 जून 2016 तक एपीवाई योजना के अंतर्गत पंजीकृत होने वाले ग्राहकों की संख्या 30 लाख के पार पहुंच चुकी है और रोज़ाना करीब 5000 नए ग्राहकों को इस योजना के साथ जोड़ा जाता है।  31 मार्च इसी वर्ष पहले ग्राहक अंशदान के 50 फीसदी हिस्से (अधिकतम 1000 रुपये) के साथ जो ग्राहक पंजीकरण करा चुके हैं, यह योजना उन्हें सरकार से सह-अंशदान की सुविधा प्रदान करती है और ये ग्राहक 2015-16 से 2019-20 तक पांच वर्ष की अवधि के लिए सह-अंशदान करने के लिए योग्य हो जाएंगे। आयकर की श्रेणी में न आने वाले एवं किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना न जुड़े ग्राहक ही इस योजना में शामिल होने के लिए योग्य हैं। उपरोक्त तथ्य को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने पीएफआरडीए के जरिए वर्ष 2015-16 के लिए 16.96 लाख योग्य ग्राहकों के लिए 99.57 करोड़ रुपये की सह-अंशदान राशि जारी कर दी है। जिन ग्राहकों का मार्च 2016 तक एपीवाई खाते में अंशदान बकाया है, उनको सरकार की ओर से दिया जाने वाला सह-अंशदान नहीं दिया जाएगा। ऐसे ग्राहकों को पीएफआरडीए के द्वारा सलाह दी गई है कि वे अपने एपीवाई खाते को नियमित करें ताकि सरकार द्वारा दिया जाने वाला सह-अंशदान सितंबर माह में उन्हें दिया जा सके। सरकार द्वारा दिया जाने वाला सह-अंशदान केवल तभी देय है, जब एपीवाई खाते को नियमित रूप से संचालित किया जाए और भारत सरकार का यह सह-अंशदान ग्राहकों के बचत बैंक खाते में अदा किया जाता है।
अटल पेंशन योजना ग्राहकों को 60 वर्ष की उम्र से कम से कम 1000 रुपये से 5000 रुपये के बीच निश्चित पेंशन की गारंटी उपलब्ध कराता है। ग्राहक की मृत्यु होने की अवस्था में समान राशि लाभार्थी के जीवनसाथी को मुहैया कराई जाती है। दोनों की मृत्यु होने की स्थिति में पेंशन की बकाया राशि नामिति को एकमुश्त रूप में उपलब्ध कराई जाती है। ग्राहक की मृत्यु 60 वर्ष की उम्र से पूर्व होने पर अपरिपक्वता की स्थिति में लाभार्थी के जीवनसाथी के पास यह विकल्प मौजूद है कि वह इस पॉलिसी को बकाया समय तक आगे भी जारी रख सकते हैं, ताकि परिपक्व होने की स्थिति में लाभार्थी के जीवनसाथी को इस पेंशन का लाभ मिल सके। इसके साथ ही, संचय चरण के दौरान पेंशन योगदान पर वास्तविक लाभ न्यूनतम गारंटी पेंशन के लिए कल्पित लाभ से अधिक है, तब इस अतिरिक्त लाभ का फायदा ग्राहक को मिलेगा, जिससे योजना के फायदों में निश्चित रूप से बढ़ोतरी होगी।

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