कोलकाता। कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने बांग्लादेश पर आतंकी हमला करने के बाद अब उससे सटे पश्चिम बंगाल पर खतरा मंडराने लगा है। केंद्रीय खुफिया एजंसियों ने पश्चिम बंगाल में किसी बड़े हमले की चेतावनी देते हुए राज्य सरकार को सतर्क किया है। खबरों की माने तो बांग्लादेश आतंकवादियों के एक सुरक्षित शरणस्थली रहा है। वहां किसी बड़ी वारदात के बाद आतंकी सीमा पार कर भारत में छिप जाते हैं। बांग्लादेश में हुए हमले के बाद पश्चिम बंगाल में ऐसे हमलों का अंदेशा बढ़ने के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस महीने के आखिर में दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगी। मुलाकात के दौरान इस्लामिक स्टेट के बढ़ते खतरे और किसी संभावित हमले से निपटने के उपायों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया जाएगा। भारत और बांग्लादेश के बीच 4,096 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है, जिसमें सबसे लंबी सीमा पश्चिम बंगाल से सटी है। सीमावर्ती क्षेत्र का इस्तेमाल घुसपैठ के लिए होता रहा है, लिहाजा बंगाल पर खतरा सबसे ज्यादा है। खुफिया एजंसियों के हाथ जो सुराग लगे हैं उसके अनुसार अल कायदा के अलावा आइएस भी कोलकाता समेत पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में बड़े हमलों की रणनीति बना रहा है। इसके लिए वह बांग्लादेशी आतंकवादी संगठन जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहा है। मूसा ने भी खुफिया एजंसियों की आशंका की पुष्टि कर दी है। मूसा ने कोलकाता के एक बीपीओ में लगभग पांच महीने तक नौकरी की थी। अब खुफिया एजंसियां इस बात का पता लगाने के लिए उस फर्म के कमर्चारियों से पूछताछ कर रही है कि कहीं मूसा ने वहां के कंप्यूटरों का इस्तेमाल आइएस के आतंकियों से संपर्क बनाने के लिए तो नहीं किया था। खुफिया विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि मूसा स्थानीय युवकों को आइएस में भर्ती करने में जुटा था। गिरफ्तार मूसा के मोबाइल से कुछ ऐसे लोगों के नंबर भी मिले हैं जो राज्य में सीमावर्ती इलाकों में सांप्रदायिक तनाव को हवा देने का प्रयास करते रहे हैं। सुरक्षा एजंसियां पहले से ही उन लोगों पर निगरानी रख रही हैं। उनमें से कई लोग मालदा और बीरभूम की सांप्रदायिक हिंसा में आरोपी है। केंद्रीय खुफिया एजंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश की सीमा से लगे नदिया, मालदा व मुर्शिदाबाद जिलों के ग्रामीण इलाकों से लगभग डेढ़ सौ पोस्टर बरामद किए गए हैं। इनसे पता चलता है कि इस्लामिक स्टेट ने भारत के मुसलमानों के भावी आजाद देश का नाम मुगलिस्तान रखा है। मूसा पर राज्य में सक्रिय आइएस के दूसरे कार्यकर्ताओं के साथ तालमेल की भी जिम्मेदारी थी। सूत्रों का कहना है कि मूसा ने पूछताछ के दौरान बताया है कि आइएस बंगाल में खुल कर सामने नहीं आना चाहता था। वह परदे के पीछे रह कर बांग्लादेशी आतंकी संगठन जेएमबी और इंडियान मुजाहिदीन के नेटवर्क के जरिए यहां आतंक फैलाने की साजिश रच रहा था। खैर जो भी हो लेकिन अब पानी सिर से उपर जा रहा है और जरुरत है उक्त समस्या से निपटने की।

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