कोलकाता। देश के ऐसे तमाम राज्य है जहां की तमाम योजनाएं राज्य व केन्द्र सरकार की आपसी टकराव में दम तोड़ रही है।  बर्दवान जिले जिले के दुर्गापुर शहर में पेयजल आपूर्ति का एकमात्र भरोसा दामोदर नदी है। इसके अलावा शहर में जल आपूर्ति का और कोई दूसरा विकल्प नहीं है। छह लाख से अधिक आबादी वाले बर्दवान जिले के दुर्गापुर शहर में पेयजल आपूर्ति का एकमात्र भरोसा दामोदर नदी है। इसके अलावा शहर में जल आपूर्ति का और कोई दूसरा विकल्प नहीं है। लेकिन दामोदर नदी की जलधारण क्षमता जिस रफ्तार से कम हो रही है, अगर उसकी जल्द सफाई नहीं हुई तो जल धारण क्षमता काफी कम हो जाएगी व शहर में पानी के लिए कोहराम मच जाएगा। दामोदर की सफाई भी केंद्र व राज्य के विवाद में फंसी हुई है। केंद्र इसके लिए राज्य को दोषी ठहराता है व राज्य केंद्र को, लेकिन सफाई के लिए किसी भी सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है। दुर्गापुर नगर निगम के अलावा दुर्गापुर इस्पात संयंत्र, एलॉय इस्पात संत्र व दुर्गापुर प्रोजेक्ट लिमिटेड जैसे संस्थान है, जो दामोदर से ही पानी लेकर अपने आवासीय इलाकों में सप्लाई करते हैं। वर्ष 1955 में दामोदर घाटी निगम द्वारा दुर्गापुर बैराज का निर्माण किया गया था। बैराज का इलाका तकरीबन 19 हजार वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ। दुर्गापुर बैराज की लंबाई 692 मीटर है, जिसमें 34 गेट है। पेयजल के साथ से सिंचाई के लिए भी नहरों के माध्यम से पानी खेतों में भेजा जाता है। बैराज निर्माण के बाद से अब तक उसकी सफाई के नहीं की गई है, जिसका नतीजा है कि बैराज की जल धारण क्षमता छह हजार क्यूबिक मीटर से कम होकर तीन हजार क्यूबिक मीटर तक पहुंच गई है। जल धारण क्षमता कम होने का नतीजा है कि बारिश के दिनों में बैराज तुरंत भर जाता है। पानी भरने पर डैम को नुकसान न हो इसके लिए तत्काल वहां से पानी छोड़ा जाता है, जिसका प्रभाव भी पिछली बारिश में देखा गया, कई इलाके में जलमग्न हो गए। हालांकि इसके लिए भी राज्य सरकार की ओर से दामोदर घाटी निगम को ही दोषी ठहराया गया। दामोदर की सफाई के लिए भाजपा की ओर से तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने दामोदर अभियान किया था। केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद भी सफाई के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। जबकि दुर्गापुर दौरे के दौरान केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती से लेकर ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह तक तक राज्य सरकार को दोषी ठहरा कर गए है। कुछ दिनों पहले दुर्गापुर आए वीरेंद्र सिंह ने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार को आगे आना होगा। केंद्र सरकार तकनीकी व आर्थिक सहायता कर सकती है। बहरहाल देखना है कि केन्द्र और राज्य की आपसी सिर फुट्टव्वौल में आम नागरिकों को और कितना भुगतना होगा।

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