सम्भावित गड़बड़ी से पहले की सतर्कता

कोलकाता। बांग्लादेश में आतंकी हमले के बाद महानगर व राज्य के महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता किया गया है। उक्त हमले के बाद राज्य पुलिस के आला अधिकारी राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर किसी तरह की कमी नहीं रखना चाहते हैं।  ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेवारी सिर्फ राज्य पुलिस के हाथ में नहीं रहेगी वरन सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के कंधो पर भी सुरक्षा का भर होगा। विक्टोरिया मेमोरियल सहित जादुघर की सुरक्षा व्यवस्था अब सीआईएसएफ के हाथों में होगी।हालांकि सरकार के उक्त फैसले के पिछे कारण बांग्लादेश में आतंकी हमले के बाद की सतर्कता नहीं है बल्कि कारण कुछ अलग भी बताया जा रहा है।  कलकत्ता उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित मामले के तहत कहा गया था कि वर्ष 2004 में कोलकाता म्युजियम से प्राचीन मूर्तियों से चोरी की घटना घटी और वहाँ की सुरक्षा व्यवस्था जोखिम भरा है।

सिर्फ यही नहीं कवि गुरु रबिन्द्रनाथ टैगोर के नोबेल चोरी के बाद सुरक्षा प्रणाली पर सवाल उठाये जा रहे थे। ऐसे में उक्त तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए के सुरक्षा व्यवस्था में परिवर्तन बहुत जरुरी था। शायद यही कारण है कि सुरक्षा को बदलने के लिए निर्णय लिया गया है।विक्टोरिया मेमोरियल और कोलकाता म्युजियम के क्यूरेटर जयंत सेनगुप्ता ने कहा कि हमे पुलिस पर भी भरोसा है। कोलकाता पुलिस सीआईएसएफ के जवानों के साथ तालमेल रख कार काम करेगी। सीआईएसएफ के 177 जवान विक्टोरिया मेमोरियल और जादूघर की सुरक्षा में तैनात रहेगें। इनके रहने आदी के लिये तमाम व्यवस्था  अंजाम दे दिया गया है जिसके कारण इनके परिजजनों को भी कोई परेशानी नहीं होगी।

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