पिता की इच्छा, स्वस्थ्य जिन्दगी मिले या फिर मौत

जलपाईगुड़ी। सूचना व प्रौधोगिकी के इस दौर में भी कोई गुलामों की तरह जंजीरों में जकड़ा रहें यह सुनकर भी अजीब लगता है। लेकिन ऐसा ही है। एक पिता अयूब अली ने अपने दो बेटों को मजबूरी में 26 साल जंजीरों में गुलाम की तरह जकड़ कर रखा। घटना जलपाईगुड़ी के माजेरमिल गांव की है। यहां दिमागी तौर पर बीमार दो बेटों को एक पिता ने मजबूरी में जंजीरों से बांध रखा है। दिन-रात दुआ करते हैं या तो सेहत सुधर जाए या फिर मौत ही आ जाए। दोनों भाइयों के पिता अयूब अली का कहना है कि उन्होंने कई मेंटल सेंटर्स में चक्कर काट डाले, कई-कई बार दोनों के इलाज के लिए गए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अयूब अली कहते हैं कि अब यही रास्ता रह गया है। अयूब अली अपनी पत्नी, दोनों बेटों और तीन बेटियों के साथ माजेरमिल में रहते हैं। अयूब अली के एक बेटे की उम्र 46 और दूसरे की 44 साल है। इन दोनों के इलाज के लिए उन्होंने अपनी जमीन तक बेच दी। जब अयूब अली हर तरीके से हार गए तो उन्हें किसी ने बच्चों को झटके देने की सलाह दी। अयूब कहते हैं कि वो खुदा से हर रोज इनकी सलामती की दुआ मांगते हैं। कहते हैं कि अगर वो ठीक न हों तो मौत आ जाए। उसी गांव के लोगों का कहना है कि वो इन दोनों भाइयों के ठीक होने की दुआ करते हैं, ताकी दोनों युवक ठीक हो जाए। कुछ दिन पहले बीडीओ ने दोनों के इलाज का इंतजाम जलपाईगुड़ी के सदर हॉस्पिटल में कराया और आगे के इलाज के लिए दार्जिलिंग के सरकारी हॉस्पिटल को पत्र भेजा गया है। बहरहाल उक्त दो बेटों के पिता की अब यही इच्छा है कि या तो उनके दोनों बेटे ठीक हो जाये या फिर मौत दोनों को अपने आगोश में ले लो तो अच्छा है।

Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •