कोलकाता। हैदराबाद में नारद स्टिंग टेपों की सत्यता पर कोई नतीजा नहीं निकलने पर अब टेपों को सीएफएसएल चंडीगढ़ भेजा गया है।   कलकत्ता उच्च न्यायालय ने नारद स्टिंग टेपों को शुक्रवार को जांच के लिए सीएफएसएल चंडीगढ़ भेज दिया। सीएफएसएल की हैदराबाद इकाई ने टेपों की रिकार्डिंग की प्रामाणिकता का विश्लेषण करने में अपनी असमर्थता जाहिर की थी। इन टेपों में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं जैसे दिखने वाले लोगों को पैसे लेते हुए दिखाया गया है। मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर और न्यायाधीश ए बनर्जी की खंडपीठ ने इस बात को रेखांकित किया कि केंद्रीय फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (सीएफएसएल) हैदराबाद, जहां नारद टेपों को भेजा गया था, इस्तेमाल किए गए लैपटाप के हार्ड डिस्क से रिकार्डिंग को निकालने में कथित रूप से विफल रही।

नारद न्यूज के संपादक मैथ्यू सैमुअल ने दावा किया था कि इस कथित स्टिंग आपरेशन को आईफोन 6 का इस्तेमाल करते हुए रिकार्ड किया गया और उसे लैपटाप और फिर पैन ड्राइव में स्थानांतरित कर दिया गया। इन सब चीजों को जांच के लिए उच्च न्यायालय ने सीएफएसएल हैदराबाद को भेजा था। सीएफएसएल हैदराबाद ने इस संबंध में एक बंद लिफाफे में रिपोर्ट अदालत को सौंपी।रिपोर्ट देखने के बाद मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हैदराबाद लैबोरेट्री के अनुसार उसके पास इसके विश्लेषण की सुविधा नहीं है।इसी के अनुसार अदालत ने तीन सदस्यीय विशेष समिति को उपकरण तथा हैदराबाद सीएफएसएल की रिपोर्ट को दस दिन के भीतर चंडीगढ़ सीएफएसएल को भेजने का निर्देश दिया और चंडीगढ़ लैब को एक महीने के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।मामले पर छह सप्ताह बाद फिर से सुनवाई होगी। खैर जो भी हो लेकिन देश भर में लोगों में इसका इंतजार है कि नारद स्टिंग टेपों की सत्यता कितनी प्रमाणिक है।

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