नामीबिया। उक्त गणराज्य के राष्ट्रपति हेग जी. गेंगोब ने विंडहोक में भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सम्मान में एक भोज का आयोजन किया। इस दौरान अपने भाषण में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि अफ्रीका और भारत आज विश्व पटल पर आकर्षण का केंद्र हैं। उन पर शांति, सुरक्षा, और दो महाद्वीपों में सतत विकास के लिए एक साथ काम करने की एक बड़ी जिम्मेदारी है। हमारा मानना है कि संयुक्त राष्ट्र और उसके प्रमुख संस्‍थानों में सुधार जरूरी है, जिन्‍हें द्वितीय विश्व युद्ध के मद्देनजर बनाया गया है। हम इस बात से सहमत हैं कि आज के बदलते हुए दौर में हमें अधिक चिंतनशील होने की जरूरत है, जिससे कि वे और अधिक प्रभावी ढंग से उन जटिल चुनौतियों का सामना कर सकें जिसने इस दुनिया को प्रभावित किया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत भविष्य में जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव और उन सभी अन्य महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर नामीबिया के साथ मिलकर काम करने को इच्छुक है जिनके लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा सामूहिक कार्रवाई की आवश्‍यकता है। भारत, एक पक्के दोस्त और विश्वसनीय भागीदार होने के नाते नामीबिया में शांति, वहां के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने, प्रगति को साकार करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने में हमेशा गर्व महसूस करेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत नामीबिया के साथ उसके द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने को सबसे ज्यादा महत्व देता है। दोनों देशों ने मानव संसाधन विकास, क्षमता निर्माण, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और शिक्षा और रक्षा क्षेत्रों में अधिक सहयोग पर बल दिया है। भारत के प्रमुख कार्यक्रम जैसे ‘स्किल इंडिया’, ‘मेक इन इंडिया’, डिजिटल इंडिया और 100 स्मार्ट सिटी जैसे मॉडल नामीबिया में कामयाब हो सकते हैं। दोनों देशों के बीच पनपे द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंध हमें याद दिलाते हैं कि इससे भी अधिक क्षमता का एहसास होने का अभी इंतजार है। भारत पूरी तरह से इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन और संयुक्त रूप से की गई पहल के लिए प्रतिबद्ध है।

 

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