कोत दिव्वार।  अस्थानीय गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम  एलांसे औत्तारा ने अबिदजान में कल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सम्मान में राजकीय भोज का आयोजन किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत कोत दिव्वार के आर्थिक विकास और वृद्धि में हमेशा भागीदार रहेगा। नागरिकों के लाभ के लिए कई वर्षों तक मिलजुल कार्य करने के कारण दोनों सरकारों ने द्विपक्षीय सहयोग का ढांचा सफलतापूर्वक विकसित किया है। हमने भरोसे, सांझा विश्वास और सहक्रियता पर आधारित आपसी विश्वास विकसित किया है। हमारी भागीदारी हाल के वर्षों में तेजी से बहुआयामी,गतिशील और प्रतिफल हुई है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में तेजी से वृद्धि हुई है और इसके आगामी कुछ वर्षों में एक बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की आशा है। हमारी अर्थव्यवस्था के प्रासंगिक विस्तार और साझा महत्व के कई क्षेत्रों में विस्तृत अभिसारिता को देखते हुए हम दोनों इस बात पर सहमत होगें कि हमारे व्यापार,निवेश और आर्थिक सहयोग की पूर्ण क्षमता के प्रयोग होने की वृहद संभावना है।

 

राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत और कोत दिव्वार अंतर्राष्ट्रीय आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई में विचार साझा करते हैं। हम इस क्षेत्र में क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों में एक दूसरे के साथ सहयोग करने के साथ-साथ नि:शस्त्रीकरण,जयवायु परिवर्तन और स्थायी विकास जैसे मुद्दो पर मिलजुल कार्य कर रहे हैं। भारत और कोत दिव्वार क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं और सांझा रूचि और विषयों के मुद्दो पर परस्पर सहयोग कर रहे हैं। हम संयुक्त राष्ट्र संघ और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को सशक्त करने की अनिवार्यता को स्वीकार करते हैं।हम इन संगठनों में सुधार करते हुए देखना चाहते हैं ताकि ये आज की वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में उपयुक्त और प्रभावी बने रहें। इस संदर्भ में भारत संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेष शाखा विशेष तौर पर सुरक्षा परिषद में अधिक जिम्मेदारी के निर्वाहन के लिए तत्पर है।

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