मानो या नहीं,

             लेकिन  यह सच है

दमोह। मानो या नहीं, लेकिन यह सच है। कहते हैं कि मरते को कोई जिला नहीं सकता और जिते को कोई तबतक नहीं मार सकता जबतक कि ईश्वर की मर्जी नहीं हो। भले ही विज्ञान उक्त पंक्तियों से सहमत नहीं हो तो भी कहना पड़ेगा कि, मानो या नहीं, लेकिन यह सच है। एक परिवार के लोग उस समय हैरत में रह गये जब कथित तौर पर उनकी मृत बच्ची फिर से जिंदा हो उठी। घटना मध्य प्रदेश के दमोह जिले की है। यहां एक बच्ची की तबीयत काफी खराब हो गई। उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उपचार के दौरान बच्ची की मौत हो गई। बच्ची की मां मीनो आठया है। नवजात बच्ची की मौत की खबर सुनकर मां मीना आठया का रो रो कर बुरा हाल था। बच्ची के शव को लेकर परिजन श्मशान घाट पहुंचे। वहां बच्ची के शव को दफनाने की प्रक्रिया चल ही रही थी कि बच्ची की किलकारियां गूंजने लगी। बच्ची की किलकारियों की आवाज सुन परिजनों के चेहरे पर खुशी आ गई। लोगों ने इसे ईश्वर का चमत्कार माना और वे उसे घर पर ले गए। नवजात बच्ची को चिकित्सालय ले जाया गया जहां उसका इलाज जारी है। सिविल सर्जन डॉ. बीआर अग्रवाल ने मामले की जांच के आदेश भी दिए। बहरहाल डाक्टरों से मामले पर कुछ कहते नहीं बन रहा है।

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