एनडीआरएफ तैनात, म्यांमार व बांग्लादेश की चिंता बढ़ी

कोलकाता। बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में दबाव के क्षेत्र ने आज तेज होकर चक्रवाती तूफान मोका का रूप ले लिया. मोका को पिछले छह घंटों के दौरान उत्तर-पश्चिम की ओर जाते हुए देखा गया और ये पूरी तरह से एक चक्रवाती तूफान में बदल गया. इस दौरान चक्रवात की रफ्तार आठ किमी प्रतिघंटा रही. इसके कारण बांग्लादेश और म्यांमार में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. चक्रवात मोका को देखते हुए पूर्वी भारत के राज्यों को अलर्ट कर दिया गया है. चक्रवाती तूफान को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं. एनडीआरएफ की तीन टीमें पूर्वी मिदनापुर में तैनात हैं. इन्हें रामनगर 1 ब्लॉक, रामनगर 2 और हल्दिया में तैनात किया गया है. बाकी की दो टीमें को दक्षिण 24 परगना के गोसाबा कुलतली और काकद्वीप में तैनात किया गया है. एक टीम को उत्तर 24 परगना के हिंगलगंज और संदेशखली में अलर्ट मोड में है. तूफान को लेकर तैयारियां एकदम पुख्ता हैं. कोस्ट गार्ड टीम को हाईअलर्ट पर रखा गया है. कोस्ट गार्ड डिजास्टर रिलीफ टीम का गठन किया गया है, जो ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में एक्टिव हो चुकी है.मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में तैयार हुआ दबाव वाला क्षेत्र चक्रवाती तूफान बन रहा है. 12 मई की दोपहर तक ये बहुत ही खतरनाक तूफान में तब्दील हो जाएगा. उम्मीद जताई जा रही है कि चक्रवात 14 मई की सुबह बांग्लादेश के कॉक्स बाजार और म्यांमार के कुकपीयू में टकरा सकता है. तट से टकराने के दौरान मोचा की रफ्तार 130 किलोमीटर प्रतिघंटा रहने वाली है. हालांकि, पश्चिम बंगाल पर इसका कितना असर होने वाला है, ये अभी तक साफ नहीं हो पाया. लेकिन बंगाल सरकार ने अभी से ही तटीय इलाकों में तैयारियां शुरू कर दी है. स्थानीय प्रशासन को कहा गया है कि वह तत्काल जरूरी प्रबंध करे.मौसम विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान के तेज होने की वजह से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी बारिश देखने को मिल सकती है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मछुआरों को कहा गया है कि वे 13 मई तक समुद्र में ना जाएं. चक्रवाती मौसम को ध्यान में रखते हुए जहाजों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह भी दी गई है. म्यांमार और बांग्लादेश के निचले इलाकों से लोगों की निकासी की जा रही है. बांग्लादेश ने मछली पकड़ने वाली नौकाओं के गहरे समुद्र में जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. इससे पहले बांग्लादेश नवंबर 2007 में एक तूफान की चपेट में आया था, तब चक्रवात सिद्र ने देश के दक्षिण-पश्चिम में तबाही मचाई थी, जिसमें 3,000 से अधिक लोग मारे गए थे. वहीं मई 2008 में चक्रवात नरगिस ने देश की सबसे खराब प्राकृतिक आपदा में म्यांमार में कम से कम 138,000 लोग मारे या लापता हो गए थे.

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