रंगीन प्रकाश सज्जा में नहाया कपिल मुनि मंदिर
जल-थल मार्ग में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था
जय कपिल मुनि के जय उद्घोष से गूंज रहा है सागर द्वीप

जाकिर अली/ जयदीप यादव
सागरद्वीप। मोक्ष नगरी गंगासागर में मकर संक्रांति के पुण्य स्नान 14 व 15 जनवरी को होगा।  गंगासागर में मकर संक्रांती के पुण्य स्नान के लिये अभी भी एक सप्ताह से ज्यादा का वक्त है लेकिन गंगासागर में जन आस्था का सैलाब धीरे धीरे उमड़ने लगा है। कचुबेरिया से ही तीर्थयात्रियों का रेला देखा जा रहा है। जहां देखों वहां ही तीर्थयात्रियों का जत्था भक्ति भावना के साथ सागर द्वीप की पवित्र धरती पर कदम रखकर अपने आप को निहाल समझ रहा था। कपिल मुनि मंदिर रंगीन प्रकाश सज्जा में जगमग कर रहा है तो बचे काम को युद्ध स्तर पर निपटाया जा रहा है। तमाम नगा साधु समाज के लोगों का एक अलग संसार भी यहां बस गया है। बात करने पर देश के विभिन्न भागों से आये पुण्यार्थियों ने गंगासागर में ममता सरकार की व्यवस्था दुरुस्त बताया। सड़क हो या बिजली, पेयजल और शौचालय, आज लगभग हर व्यवस्था लगभग दुरुस्त ही देखी गई। हालांकि मेले के लिये अभी भी तैयारी सम्पूर्ण नहीं हो सकी है लेकिन युद्धस्तर पर दिन-रात रात काम चल रहा है। हुगला के यात्री निवास का काम भी तेज रफ्तार में चल रहा था तो रंग रोगन के काम से लेकर प्रकाश व्यवस्था का काम भी गति पर दिखा।  कपिल मुनि मंदिर के महंत ज्ञानदास के उत्तराधिकारी संजय दास ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल संगम में मकर संक्रांति के अवसर पर कम से कम 50 से 65 लाख पुण्यार्थी पुण्य स्नान करेंगे। उन्होंने गंगा सागर मेला पर ममता सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि हर तरह की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि उनके अनुमान के अनुसार हजारों  की संख्या में लोग सागरद्वीप में आकर भीड़ से बचने के लिये पुण्य स्नान कर रहें हैं। संजय दास ने कहा कि 14  जनवरी की सुबह 5.53 बजे लेकर 15 जनवरी की शाम 6.53 बजे तक मकर संक्रांति का पुण्य स्नान काल है।  एक सवाल पर संजय दास ने कहा कि फिलहाल अगर यहां सेतू बन जाये तो तीर्थ यात्रा और ज्यादा सुगमतापूर्वक होगी।  उन्होंने सेतु को लेकर केंद्र की मंशा पर भी सवाल उठाया। तीर्थ यात्रा आयोजन पर उन्होंने कहा कि पु्ण्यार्थियों को किसी बात से डरने की जरुरत नहीं हैं और वह लोग बे खौंफ होकर यहां पुण्य स्नान करें लेकिन वह लोग किसी लावारिस सामान को हाथ नहीं लगाये। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि राज्य सरकार की व्यवस्था व सुरक्षा चुस्त व चाक चौबंद है। अभी से ही यहां पुलिस, तटरक्षक, बीएसएसएफ के जवान तैनात दिखें।  आज सेना के जवानों की कई टुकड़ी भी गंगासागर पहुंची। ऐसे तमाम जवान दिखे जो अपने परिजनों को लेकर मोक्ष नगरी में आये थे।एक पुलिस के अधिकारी ने नाम की गोपनीयता पर बताया कि अभी से ही गंगासागर केन्द्र व राज्य के खुफिया एजेंसियों की निगाह में है। जिला प्रशासन सूत्रों ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी यहां पुण्य र्थियों के लिये पेयजल के पाउच पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होंगे। तमाम एनजीओ के शिविरों के निर्माण का काम भी लगभग पूरा हो रहा है। वहीं दक्षिण चौबीस परगना जिले अधिकारियों की माने तो एक बार फिर जिला प्रशासन सह राज्य सरकार की व्यवस्था को बेहतर होगी। कि मेले में सुरक्षा व्यवस्था हो या फिर निर्मल स्नान पुण्य स्नान के तहत साफ सफाई से लेकर तमाम व्यवस्था दुरुस्त है। वहीं पुलिस सूत्रों का कहना है कि अभी तक सागरद्वीप से कई उचक्कों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के आला अधिकारी से लेकर तमाम स्तर के लगभग 10 हजार पुलिस कर्मियों के कंधे पर यहां की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेवारी होगी । इसके अलावा यहां हेलिकॉप्टरों से मेले पर निगाह रखे जाने की खबर भी है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी थी। 1100 सीसीटीवी कैमरे की जद में यहां पर सब होंगे। जल से लेकर थल मार्ग पर भी सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था है।वाच टावरों से तमाम मेले पर निगाह रखी जाएगी।  वैसे तो करीब साढ़े तीन लाख की आबादी वाला सागरद्वीप वर्ष भर सूना पड़ा रहता है,लेकिन मकर संक्रांति आते ही यह दुधिया रोशनी से जगमगा उठता है। इस मौके पर यहां लगने वाले गंगासागर मेले में हर बार की तरह विविध तरह के साधु-सन्यासी पहुंच चुके हैं। रंग-बिरंगे खिलौने और तरह-तरह के सामान से अटी दुकानों की कतार सजने लगी है। सागर तीर्थ का इतिहास बेहद समृद्ध है। इसमें किंवदंतियों से लेकर तमाम ऐतिहासिक साक्ष्य भी मौजूद है। पर, इन सभी के ऊपर आस्था सबसे भारी है।  आज सागर द्वीप में भी महिलाओं के गहनों के प्रति आकर्षित देखा गया। वह लोग प्लास्टिक के मोतियों की माला व शंख को बड़ा चाव से मोल-दर करने के बाद खरीद रहें थें। तो ऐसे भी सेना के कुछ जवान थें जो राशन से लेकर सब्जियों की खरीदारी में भी जुटे रहें।

Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •