मन चंगा तो कठौती में गंगा की कहावत हुई चरितार्थ

जाकिर अली
कोलकाता। महानगर के दक्षिण कोलकाता स्थित रवींद्र सरोवर व सुभाष सरोवर में छठ पूजा पर रोक भले ही लगा दी गई लेकिन आस्था पर रोक नहीं लग सकी। कहते है कि जब जन आस्था सिर चढ़कर बोलती है तो सब कुछ बौना हो जाता है। ऐसे में तमाम वह लोग जो उपरोक्त जगहों पर छठ करते थें उन्होंने कृत्रिम तालाब बनाकर छठ पूजा की। दक्षिण कोलकाता तमाम जगहों पर लोगों ने अपने घरों के आंगन में ही कृतिम तालाब बनाकर छठ पूजा की। ठीक इसी तरह का दृश्य आज कसबा के डा. जीएस बोस रोड इलाके में देखने को मिला। जहां शिवशक्ति सेवा संघ के सहयोग से कृत्रिम बनाकर छठ व्रतियों ने छठ पूजा किया. बात करने पर आज वयोवृद्ध शुभ नारायण पाण्डेय, व्रती श्रद्धालु अमरावती देवी पाण्डेय और चिकू पाण्डेय ने कहा कि देखिए लोगों की छठ पूजा में आस्था है और हम लोग नहीं चाहते है कि पूजन में किसी तरह का व्यवधान हो। मन चंगा तो कठौती में गंगा की तर्ज पर हमलोगों ने कृत्रिम पोखरा बनया और माता गंगा का आह्वान किया और हमे विश्वास है कि माता गंगा के स्मरण मात्र से ही कृत्रिम पोखरा गंगा के जैसा पावन हो गया। रही बात प्रदूषण की तो चिकू पाण्डेय ने कहा कि इस देश व राज्य में तमाम कारखानों का जहर गंगा के गर्भ में समा रहा है पहले इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। महानगर कोलकाता में सैकड़ों जगहों पर कृतिम पोखरा बनाकर छठ पूजा किया गया जिसमें सबसे ज्यादा पोखरा दक्षिण कोलकाता अंचल में बनाये गये।

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