स्पीडबोट और ड्रोन कैमरे से चल रहा है अभियान

कोलकाता। लगभग बीस घंटे बीत चुके हैं। डायमंड हार्बर जेट्टी से हुगली नदी में डूबी दो नाबालिग बहनों का अभी भी लापता हैं। आज भी स्पीडबोट और ड्रोन कैमरे की मदद से लगातार तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ निवासी जाकिर हुसैन कुछ दिन पहले तपसिया के पंचानतला में अपने एक रिश्तेदार के घर आए थे। रविवार को वे अपनी दो बेटियों आतिफा परवीन (6), सितारा नाज (8) और परिवार के सदस्यों के साथ घूमने गए थे। वे रविवार शाम को कुंकराहाटी से जहाज से डायमंड हार्बर जेट्टी घाट के लिए रवाना हुए। जहाज करीब साढ़े छह बजे डायमंड हार्बर जेट्टी पहुंचा। एक और जहाज सामने रखा गया था जहां पोत लंगर डाला गया था। वहीं हादसा हो गया। दोनों जहाजों के बीच गैप था। लेकिन उन दोनों बहनों ने नीचे आते समय इस पर ध्यान नहीं दिया। नतीजतन, वे नदी में गिर गईं। रात में तलाश शुरू हुई। घटना की सूचना मिलते ही एसडीओ जेटी घाट पहुंचे। काफी देर तक उन्होंने तलाश की लेकिन दोनों बहनों का पता नहीं चल सका। सोमवार सुबह फिर से तलाशी अभियान शुरू किया गया। पुलिस, आपदा प्रबंधन बल, क्विक रिस्पांस टीम मौके पर है। काकद्वीप से गोताखोरों की टीम लाई गई है। आसमान में ड्रोन उड़ाए गए हैं। लेकिन ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक लापता बच्चियों का पता नहीं चल पाया है। डायमंड हार्बर नगर पालिका जेट्टी के प्रबंधन का प्रभारी है। ऐसे में इस हादसे में नगर पालिका की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों ने नगर पालिका पर लापरवाही का आरोप लगाया है। यह भी सवाल उठाया गया है कि घाट पर कोई सीसीटीवी कैमरा या पर्याप्त रोशनी क्यों नहीं लगाई गई है। क्षेत्र के निवासियों ने यह भी शिकायत की कि जहाज से घाट पर स्थानांतरण के दौरान यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नगर पालिका की ओर से कोई निगरानी प्रणाली नहीं है। डायमंड हार्बर नगर पालिका के अध्यक्ष प्रणब दास ने कहा कि यह पहली बार है जब जेटी पर इस तरह की दुर्घटना हुई है। इसको लेकर नगर निगम के अधिकारी भी काफी चिंतित हैं। यह निर्णय लिया गया है कि शीघ्र ही उस घाट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। यह सुनिश्चित करने पर विचार किया जा रहा है कि जेट्टी और पोत के बीच कोई गैप न हो। पोत की आवाजाही के दौरान घाट पर पहले से ही एक निगरानी प्रणाली थी। उस व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है।

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