महानगर के तीन घाटों में 1300 प्रतिमाओं का हुआ विसर्जन
मुख्यमंत्री ने दी विजयादशमी की शुभकामनाएं

 

नकुल कुमार मंडल
कोलकाता।दुर्गापूजा दुर्गापूजा के लिये दुनिया भर में प्रसिद्ध पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा महोत्सव संपन्न होने के साथ ही प्रतिमा विसर्जन का दौर विजयदशमी के दिन से ही शुरू हो गया है।श्रद्धालुओं ने महानगर सह राज्य के तमाम गंगा घाटों पर देवी दुर्गा व उनके परिवार के सदस्यों को भरी आंखों से विदा किया। बुधवार को प्रतिमा विसर्जन के लिये गंगा घाटों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम देखें गये हैं। विजयदशमी के दिन दोपहर बाद से ही कोलकाता के जजेस घाट, बाबू घाट, अर्मेनियन घाट सहित गंगा नदी के विभिन्न घाटों पर प्रतिमा विसर्जन के लिये श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया।  विजयादशमी यानी बुधवार को महानगर के तीन घाटों पर 1300 से अधिक दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन किए गए। सबसे अधिक विसर्जन ग्वालियर घाट पर हुए। यहां दशमी की देर रात तक करीब 756 प्रतिमाओं के विसर्जन किए गए। वहीं बाजे कदमतल्ला घाट पर 451 प्रतिमाओं के विसर्जन किए गए।प्रतिमा विसर्जन के सुचारु नियंत्रण के लिये कोलकाता पुलिस के साथ कोलकाता नगर निगम के कर्मियों को जिम्मेदारी दी गई थी। कोलकाता नगर निगम सूत्रों ने बताया कि महानगर के 24 घाटों पर निगम के करीब एक हजार कर्मी काम कर रहे हैं। विभिन्न घाटों पर हालात का जायजा लेने पहुंचे कोलकाता नगर निगम पदाधिकारियों ने विसर्जन के लिये किये गये प्रशासनिक इंतजाम पर संतोष व्यक्त किया। दूसरी तरफ प्रत्येक घाट पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखी गई है। घाटों के प्रवेश द्वार को पुलिस बैरिकेड से घेर दिया गया है। इधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विजयादशमी के मौके पर शुभकामनाएं दी है। बुधवार को उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि विजयदशमी की सभी को शुभकामनाएं। हम जानते हैं कि आज मां की विदाई होती है इसीलिए सबका मन खराब है लेकिन मां की विदाई के साथ ही यह विश्वास भी है कि अगले साल वह फिर लौटेंगी। तब तक मां हमारे मन में रहेंगी। सभी को विजयादशमी पर सुख और समृद्धि की कामना। अगर बात गंगा घाटों की करे तो विसर्जन की वजह से गंगा के जल में होने वाले प्रदूषण को रोकने की कोशिशें भी प्रशासन की ओर से दिखाई दे रही है। किसी को भी फूल, बेलपत्र, धूप-दीप जैसे पूजा में उपयोग की जाने वाली सामग्री को नदी के जल में फेंकने की इजाजत नहीं दी जा रही। इन सामग्रियों को अलग स्थान पर एकत्रित किया जा रहा है। विजयदशमी को घरेलू पूजा की प्रतिमाओं के अलावा सार्वजनिक दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इन प्रतिमाओं के विसर्जन में महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और सिन्दूरदान की परम्परा को निभाया। इसे ध्यान में रखते हुए घाटों पर बडी संख्या में महिला पुलिस की तैनाती की गई है। कोलकाता पुलिस के उच्च अधिकारी घाटों पर चल रहे विसर्जन की प्रत्येक गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। आज भी पुलिस के जवान नदी के पानी में गश्त लगा कर हर एक गतिविधि की निगरानी में लगे हैं। उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है। 10 दिनों तक देवी दुर्गा की आराधना और सेवा भक्ति के बाद विजयदशमी को देवी प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो जाता है। बंगाल में आज मां दुर्गा को विदाई से पहले सिंदूर खेल का विशेष रिवाज है जिसमें महिलाएं देवी दुर्गा के चरणों पर सिंदूर अर्पित करने के बाद एक दूसरे की मांग भर कर सुहाग की लंबी आयु की प्रार्थना करती हैं।

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