पूजा आयोजकों व श्रद्धालुओं में फैली निराशा

नकुल मंडल/जयदीप यादव
कोलकाता। महालया के दिन से ही देवी पक्ष की शुरुआत हो गई थी और लोग भीड़ से बचने के लिये पूजा भ्रमण भी करने लगे है। लेकिन सच तो यह है कि महापंचमी व महाषष्ठी के दिन से लोग महानगर कोलकाता में देवी के दर्शन के लिए निकलेंगे। इस दौरान केवल बंगाल ही नहीं बरन देश सहित दुनियाभर से आए लाखों पर्यटक व श्रद्धालु देवी दुर्गा की प्रतिमाओं को देखने के लिए सड़कों पर उतर जाते हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल में बारिश का सिलसिला भी जारी है। मौसम विभाग ने पहले ही पूजा के दौरान बारिश की संभावना की जानकारी दी थी। मौसम विभाग की भविष्यवाणी को देखे तो इस दौरान हालात इस तरह से बन रहे है कि दुर्गा पूजा में बारिश लोगों के मूड का सत्यानाश कर दे। अलीपुर मौसम विभाग की माने तो पूजा के दिनों में चक्रवात निम्न दबाव में बदल जाएगा। ऐसे में मौसम विभाग की माने तो महासप्तमी को चार जिलों और महाअष्टमी को पांच जिलों में भारी बारिश होगी। यानी बंगाल के विभिन्न जिलों में छिटपुट बारिश शुरू हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न चक्रवात घनीभूत होता जा रहा है, जिसके कारण अगले रविवार व सोमवार को पूर्व व पश्चिम मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना जिलों में भारी बारिश के आसार हैंं। महासप्तमी से बारिश तेज हो सकती है और इसका प्रभाव महाअष्टमी व महानवमी तक बना रह सकता है।इधर मौसम के इस रुख की खबर से पूजा आयोजक बेहद परेशान हैं। महानगर कोलकाता में कोरोना महामारी के दौरान लोग लगभग दो साल तक दुर्गा पूजा से वंचित रहें हैं। लेकिन अब चुकि कोरोना का असर लगभग एकदम कम है जिसके कारण इस साल बहुत बड़े-बड़े और भव्य पंडाल तैयार किए गए हैं।सड़कों पर दिन रात बड़ी संख्या में लोगों के आने की भी उम्मीद की जा रही है।  लेकिन अगर बारिश होती है तो पूजा पंडालों को काफी नुकसान होगा और श्रद्धालुओं को भी मायूस होना पड़ेगा।

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