दंगा भड़काने व सांप्रदायिक संघर्ष को बढ़ावा देने का आरोप

कोलकाता/नई दिल्ली। दिल्ली से असम पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(पीएफआई) के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए आरोपी पर आंतकी गतिविधियों के साथ-साथ सांप्रदायिक संघर्ष को बढ़ावा देने का आरोप है।गुवाहाटी में असम पुलिस के एक बयान के अनुसार, संगठन के नेताओं को गिरफ्तार किया गया क्योंकि इस बात की विश्वसनीय जानकारी है कि वे पूर्वोत्तर राज्य में सांप्रदायिक संघर्ष को बढ़ावा देने के प्रयास कर रहे थे। जानकारी के मुताबिक, असम पुलिस को पीएफआई नेता मिनारुल शेख के देशद्रोही गतिविधियों में शामिल होने की जानकारी मिल रही थी। तलाश कर रही पुलिस ने उसे राष्ट्रीय राजधानी से गिरफ्तार किया और गुवाहाटी ले गई है। उस पर देशद्रोह, आपराधिक साजिश, दुश्मनी को बढ़ावा देने और लोक सेवक को कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला करने से संबंधित आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने करीम के अलावा एक अन्य पीएफआई कार्यकर्ता बजरुल करीम को असम के करीमगंज से गिरफ्तार किया था। करीम पीएफआई का बराक घाटी जिला समिति का महासचिव और राज्य कार्यकारी समिति का सदस्य हैं। शेख की गिरफ्तारी के साथ असम पुलिस अभी तक पीएफआई के 11 सदस्यों को गिरफ्तार कर चुकी है। जिनमें से नौं के पांच दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। असम से गिरफ्तार किए गए दस पीएफआई सदस्यों में से चार कामरूप जिले के नगरबेरा से, दो गुवाहाटी से और एक-एक करीमगंज, बारपेटा, बक्सा और नगांव जिले से हैं। पुलिस ने कहा कि उन्हें गुवाहाटी लाया गया और विशेष शाखा मुख्यालय में अलग से पूछताछ की गई। असम पुलिस के बयान के अनुसार, संगठन के नेताओं को गिरफ्तार किया गया क्योंकि इस बात की विश्वसनीय जानकारी है कि वे पूर्वोत्तर राज्य में सांप्रदायिक संघर्ष को बढ़ावा देने के प्रयास कर रहे थे। पुलिस का कहना है कि पकड़े गए आरोपी मुस्लिम समुदाय पर हमला करार देने के मकसद से सरकार की हर नीति की सांप्रदायिक लहजे में आलोचना करके सांप्रदायिक जुनून और धार्मिक अल्पसंख्यकों की भावनाओं को भड़काने में लिप्त थे। पुलिस ने दावा किया कि ये राज्य के बाहर अदालतों के मुद्दों और आदेशों को लेकर लोगों को उकसाने के लिए साइबर स्पेस का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रहे थे। बयान के अनुसार, कार्यकर्ता असम के करीमगंज, बारपेटा, बक्सा, कामरूप (ग्रामीण), गोलपारा और कामरूप (मेट्रो) जिलों के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में मुद्दों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित करने में कथित रूप से शामिल थे।

Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •