सीएम ने रेलवें से की पैसे के बदले जमीन देने की पेशकश
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया नवनिर्मित टाला ब्रिज का उद्घाटन

नकुल कुमार मंडल
कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज नवनिर्मित टाला ब्रिज का उद्घाटन रिमोट द्वारा किया। उक्त अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि,”यह पूजा से पहले सबके लिए एक उपहार है”। टाला ब्रिज के पुनर्निर्माण में रेलवे की भूमिका के बारे में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “रेलवे 4 महीने से तोड़ने का काम कर रहा था। मैंने पीडब्ल्यूडी से कहा, जल्दी कार्रवाई करो। फिरहाद-पुलक-अरूप सभी ने इस काम में बहुत मदद की। स्थानीय लोगों को धन्यवाद। लेकिन मैंने सुना है कि स्थानीय लोगों की समस्याएं भी हैं। समस्याओं पर पीडब्ल्यूडी से कहा गया है, 2-3 महीने में सारा काम हो  जाएगा। इस पुल के निर्माण के लिए पूरा पैसा राज्य द्वारा दिया गया था।  मैंने सोचा, रेलवे सामाजिक कार्य के लिए पैसा नहीं लेगा। लेकिन रेलवे ने 90 करोड़ रुपए लिए हैं।”  सीएम ममता ने मंच पर मौजूद रेलवे के डीआरएम को संबोधित करते हुए कहा, ”यहां 145 गरीब परिवार हैं। हम उस जमीन को खरीदना चाहते हैं जो रेलवे की  है। मैं उस जमीन पर गरीबों लिए घर बनाना चाहती हूं। क्योंकि राज्य के पास यहां और कोई जमीन नहीं है। रेलवे की जमीन नहीं मिली तो खाल के किनारे उन्हें घर बनाना होगा। हम रेलवे से जमीन पैसे से खरीद लेंगे, पैसे की कोई दिक्कत नहीं होगी। लेकिन गरीबों को घर देना होगा। यही नबीं सीएम ममता ने मंत्री फिरहाद हकीम से कहा, “आप इस मामले को देखो । इसके लिए पैसों की चिंता न करें। घर के लिए गरीब लोगों से मेरा वादा है। कुछ भी हो, हम उनके सिर पर छत बना देंगे।” बहरहाल नवनिर्मित टाला ब्रिज का उद्घाटन तो आज हो गया लेकिन इसके आमजनों तक के लिये खोलने में तीन  वर्ष का समय लग गया। महानगर को उत्तर से दक्षिण की ओर जोड़ने वाला टाला ब्रिज के आमजनों के लिये खोले जाने का इंतजार लोग कर रहें थें। सूत्रों ने बताया कि टाला ब्रिज की शुरुआत में केवल हल्के वाहन चलाये जाएंगे। स्थिति का आकलन करने के बाद और रिपोर्ट संतोषजनक पाये जाने पर ही भारी वाहन चलाने का निर्णय लिया जायेगा। टाला ब्रिज कोलकाता को उपनगरों से जोड़ता है। लेकिन माझेरहाट पुल के ढह जाने के बाद खतरे से बचने के लिए पुराने पुल को तोड़कर नया ब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया।  इसके बाद 1 फरवरी, 2020 से टाला ब्रिज पर यातायात पूरी तरह से बंद कर दिया गया। पुनर्निर्माण कार्य शुरू हुआ। दो वर्षों में 468 करोड़ रुपये की लागत से 750 मीटर लंबा नया ब्रिज भी केबल स्टे रेलओवर ब्रिज के रूप में अपनी शुरुआत कर रहा है। इतना ही नहीं पहले यह तीन लेन का पुल था, लेकिन नया पुल चार लेन का है, इसलिए दोनों तरफ फुटपाथ हैं।

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