एजेंसी ने  58 दिनों के बाद पेश की 172 पेजों की चार्जशीट

कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एसएससी (स्कूल सेवा आयोग) भर्ती भ्रष्टाचार मामले में राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल के पूर्व पदाधिकारी पार्थ चटर्जी और उनकी ‘करीबी’ अर्पिता मुखोपाध्याय के खिलाफ 58 दिनों के बाद 172 पेजों की चार्जशीट पेश की. 22 जुलाई को ईडी ने भर्ती भ्रष्टाचार मामले में पार्थ चटर्जी के दक्षिण कोलकाता के नाकतला स्थित घर पर छापा मारा था. पूछताछ के बाद पार्थ चटर्जी को देर रात 23 जुलाई गिरफ्तार किया गया था. जांच एजेंसी ने अर्पिता मुखर्जी के टालीगंज स्थित आवास पर छापा मारा था और उनके फ्लैट से 52 करोड़ रुपये नकद, सोना-चांदी बरामद हुए थे. इस मामले में अर्पिता को भी गिरफ्तार किया गया था. ईडी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि दोनों से 103 करोड़ की संपत्ति जब्त की गयी है.पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद स्कूल सेवा आयोग जुड़े कई पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. फिलहाल पार्थ चटर्जी सीबीआई हिरासत में हैं और पूछताछ में दावा किया कि भर्ती घोटाले से उनका कोई संपर्क नहीं है. एक मंत्री के रूप में वह केवल हस्ताक्षर करते थे.जांच एजेंसी ने दावा किया है कि पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के पास कई संपत्तियां मिली हैं. उनके नाम पर संयुक्त संपत्तियां और फर्जी कंपनियां थीं. केंद्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में रहते हुए पार्थ चटर्जी को मेडिकल जांच के लिए जाते समय कई बार मीडिया से बात करते हुए देखा गया. उन्होंने दावा किया, “मैं एक साजिश का शिकार हूं.” उन्होंने दावा किया कि बरामद पैसा उसका नहीं है. अर्पिता ने मीडिया में यह भी दावा किया कि यह पैसा उनका नहीं है. उनलोगों ने बार-बार दावा किया कि वे पैसे उनके नहीं थे. ईडी के अधिकारियों का दावा है कि जब्त पैसों का इस्तेमाल हवाला कारोबार के लिए किया जाता था. ईडी द्वारा पेश की गयी चार्जशीट में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी का भी नाम है.पार्थ चटर्जी फिलहाल सीबीआई की हिरासत में हैं. इससे पहले राज्य के पूर्व मंत्री प्रेसीडेंसी जेल में कैद थे. अर्पिता मुखर्जी अलीपुर केंद्रीय महिला जेल में हैं. अर्पिता को केंद्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में रोते-बिलखते देखा गया. हाल ही में पार्थ चटर्जी को कोर्ट में जमानत अर्जी पेश करते हुए रोते हुए भी देखा गया था. भर्ती भ्रष्टाचार मामले में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के अलावा एसएससी के पूर्व सलाहकार शांतिप्रसाद सिन्हा और समिति के पूर्व सदस्य अशोक साहा, मध्य शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गंगोपाध्याय को भी गिरफ्तार किया गया है.

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