जगदीश यादव  

jagdish kurtaतमाम यात्रियों में शनिवार की सुबह तब भगदड़ मच गई जब दक्षिण चौबीस परगना जिले के बरुईपुर स्टेशन में हॉकर व आरपीएफ के जवान भिड़ गये। दोनों पक्षों की भिड़ंत से बरुईपुर स्टेशन रणक्षेत्र में बदल गया। इस दिन हालात तो ऐसे हो गये थें कि अगर रेलवें के अधिकारी थोड़ा भी नासमझी का रुख अपनाते तो बरुईपुर स्टेशन भी मथुरा बन गया होता। आरपीएफ के जवानों औऱ रेलवें के लोगों को जिस तरह से भीड़ ने मारा पिटा और दादागिरी की अगर आरपीएफ का गुस्सा भी फूट गया होता तो शायद उक्त स्टेशन में भी लाशें बिछ गई होती। हलांकि आरपीएफ और हॉकरों दोनों संघर्ष की घटना घटी है और उक्त घटना में कईयों के घायल होने की सूचना भी है। पुलिस व स्थानीय लोगों ने बताया कि इस दिन आरपीएफ के जवान रेलवें के निर्देश पर हॉकर अतिक्रमण अभियान को अंजाम दें रहें थें तभी आरपीएफ के जवानों के साथ हॉकरों की भिड़त हो गई । आरपीएफ का आरोप है कि हॉकरों ने आरपीएफ के जवानों पर हमले कर दिये और बम फेंकने लगें। जिसके कारण उन्हें भी बल का प्रयोग करना पड़ा। आरोप है कि तृणमूल यूनियन समर्थित हॉकरों ने ही आरपीएफ के काम में बाधा दिया और हमले किये हैं। बताया जा रहा है कि लगभग तीन हजार की संख्या में हॉकरों ने स्टेशन पर कब्जा कर लिया और सरकारी कार्य में बाधा दिया।

मामले पर हॉकर नेताओं का आरोप है कि बिना किसी अग्रिम सूचना के ही हॉकरों को हटाना नके रोजी रोटी के साथा खिलवाड़ करना है जिसे माना नहीं जाया जा सकता है। हमलोगों ने अपना बचाव किया तो आरपीएफ के द्वारा बल का प्रयोग किया गया है। हमारा आंदोलन जारी रहेगा। इधर रेलवें के एक वरिय अधिकारी ने नाम की गोपनियता पर कहा कि रेलवें हमलावरों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने से लेकर हमले का मामला दर्ज करने पर बिचार कर रही है। घटना के चश्मदीदों की माने तो शनिवार सुबह आरपीएफ और जीआरपी के साथ सीनियर सेक्शन इंजीनियर कमल घोष अपनी टीम के साथ स्टेशन पर पहुंचे थें । इसके बाद उद्घोषणा कर करीब 1200 अवैध हॉकरों को स्टेशन परिसर एवं आसपास के रेल परिसर को खाली कर देने का निर्देश दिया गया।

आरोप है कि जैसे ही टीम ने अतिक्रमण हटाने का काम शुरू किया, तभी इंडियन नेशनल तृणमूल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (आइएनटीटीयूसी) के समर्थन में तृणमूल का झंडा लिए हॉकर यूनियन अध्यक्ष जयंत के नेतृत्व में हजारों की संख्या में हॉकरों ने रेल कर्मियों पर हमला बोल दिया। रेलकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। इसमें सीनियर सेक्शन इंजीनियर समेत चार कर्मी घायल हो गए। इस दौरान आरपीएफ मूकदर्शक बनी रही। घायलों को सियालदह स्थित बीआर सिंह अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। आक्रोशित हॉकरों ने लोकल ट्रेनों को निशाना बनाकर पथराव किया। पथराव में कई यात्री चोटिल हो गए। आरोप है कि इस दौरान रेल परिसर में बमबाजी भी की गई। हालांकि हॉकर यूनियन की ओर से आरोप को निराधार बताया गया है। अवैध हॉकरों ने पुनर्वास की मांग को लेकर ट्रेनें रोककर प्रदर्शन किया। इसके बाद हॉकरों ने स्टेशन पर जुलूस निकालकर सभा की। उन्होंने चेताया कि बिना पुनर्वास के स्टेशन परिसर को खाली नहीं किया जाएगा। इस दौरान तृणमूल पार्षद बापी भद्र भी हॉकरों के समर्थन में पहुंच गए। जिस तरह से मथुरा में हिंसा को घटना के मास्टर माइंड रामवृक्ष यादव ने भड़काया था ठीक उसी तरह से हॉकर यूनियन के एक नेता की भूमिका रही। फोटो- सुमन साहा

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